Monday, 10 July 2017

आदमी_ना_निराश_होखे_त_सभकुछ_संभव_बा

#आदमी_ना_निराश_होखे_त_सभकुछ_संभव_बा
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कवनो चीज के प्रयास होखे ,त सभकुछ संभव बा
आदमी ना निराश होखे ,त सभकुछ संभव बा

भगवान त सभकेहु के एके लेखा शरीर बनवले
कुछ  लोग  आपन  मेहनत  से  तकदीर बनवले
खाली मन में बिस्वास होखे ,त सभकुछ संभव बा
आदमी ना निराश होखे ,त सभकुछ संभव बा

लिखत रह पढ़त रह,कुछ ना कुछ त करत रहऽ
मन आ दिल लगाके रोजे एकक डेग बढ़त रहऽ
हई चेहरा! ना उदास होखे ,  त सभकुछ संभव बा
आदमी ना निराश होखे ,त सभकुछ संभव बा

भोरे उठऽ त, भगवान के धन्यवाद दिहल करऽ
जिनगी में ज्ञान जहां से मिले ,बस लिहल करऽ
कोई चीज के पियास होखे ,त सभकुछ संभव बा
आदमी ना निराश होखे ,त सभकुछ संभव बा

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

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