गुरु पूर्णिमा के बहुत बहुत बधाई।
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लड़ीकाई में जवन हाथ धके चले के सिखवलस..
दूध पिये से लेके खाना खाये के सिखवलस .
गुरु समान उ माई के प्रणाम।
समाज में जे हमके बोले के सिखवलस ..
मान समान प्रतिष्ठा दिअवलस..
गुरु समान उ बाबूजी के प्रणाम।
क,ख,ग से लेके ..जे अन्हरिया से अँजोरिया की ओर राह देखवलस...
भगवान से बढ़के ऊ गुरु के प्रणाम।
सनेह दुलार के छाह में राख के जे आपन ममता के पाठ पढ़वलस.
.गुरु समान उ बाबा आजी के प्रणाम।
डेग डेग हर अंजान जगहा ..नाया मोड़ प जे हमेसा हिमत बढ़वलस .
साथ निभवलस..गुरु समान उ बड़ भइया लोगन के प्रणाम।
दरीयाव में पवरे से लेके.
गाछि प चढ़े से लेके.
घोड़ा पे बइठाके जे घोड़ा दउराये के सिखवलस..
गुरु समान उ काका लोगन के प्रणाम।
लंगड़ी साइकिल से लेके जे ..
कलच गेयर वाली मोटरसाईकल चलाये के सिखवलस.
गुरु समान उ भाई लोगन के प्रणाम।
कुछ सुन के ..कुछ देख के ..कुछ पढ़ के..कुछ लोगन से मिल के..कुछ बतिया के..हर माध्यम से ..हर जगह जेकरा से भी ..जवन कुछ सीखनी..
गुरु समान उ हर आभासी ..काल्पनिक..वास्तविक सम्मानित जन के प्रणाम।
एगो आदमी के जिनगी में केतना गुरु हो सकेले..एकर अंदाजा लगावल मुश्किल बा।
गुरु त उ हर लोग बा जेकरा से एकहु कुछ सीखे के मिलल..चाहे उ अच्छा ज्ञान होखे चाहे उ खराब होखे। इ निर्भर करता कि गुरु कइसन बारे। कुछ गुरु भरमावे वाले भी होले त कुछ राह बतावेले भी होले।
गुरु के पास ज्ञान के समुन्दर होला..रावा एक लोटा ज्ञान के पानी ले सकिला चाहे एक डराम ले सकिला...सभ चेला पे निर्भर करता कि ओकर पात्र केतना पानी गरहन कर सकता।
गांव में स्कूल के माट साहब जटाधारी पण्डित सर ,
Z हुसैन सर से लेके..कउलेज ..कोचिंग के मए गुरुजी लोगन के आसिरबाद हमरो मिलल..अदिमि फलल फूलल..आगे बढ़ल
खेल कूद से लेके व्यावसायिक काम करे के जे गुण सिखवलस..
सभे लोगन के आभार व्यक्त करत बानी। गुरुजी के करजा कबो चुका नइखी सकत..काहे की गुरुजी के ज्ञान के कवनो कीमत नइखे..उ अनमोल बा..जेकर मोल नइखे लगावल जा सकत।
फेर भी गीत/कविता साहित्य के क्षेत्र में जेकरा के सुन के ,पढ़ के अदमी कुछ लिखे के कोशिस कइलस..ओमें सबसे ज्यादा हम गुरुजी जौहर शफियाबादी सर से, स्वर्गानंद जी महाराज से..हिन्दी जगत के आनंद बक्शी साहब, समिर अंजान से बहुत प्रभावित रहनी आ इनके लोगन के पद चिन्ह प चले के कोशिस कइनी।
गुरु..एगो कहानी ना होले कि जेकरा के कुछ शब्दन में लिखा जाये..गुरु एगो महाकाव्य ..पुराण..गीता..कुरान से भी बढ़के होले..जेकरा खाती कवनो शब्द नइखे..
गुरु ब्रह्मा , गुरु विष्णु:
गुरु देव महेश्वरवाय:
गुरु साक्षात परब्रह्म:
तश्मे श्री गुरु देवाय नम:
#मिथिलेश_मैकश
#छपरा
#लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी
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