Shri Swarganand Ji Maharaj के दिल्ली में दर्शन भइल। मन बहुत आनन्दित आ गर्वान्वित महसूस करता।
ओह 1 घण्टा हमरा खाती बहुत खास रहे जब बाबा के हाथ हमरा मुड़ी प पड़ल।खूब आसिरबाद मिलल। कुछ सीखे के मिलल..कुछ जाने के मिलल। हम आभारी बानी जे एतना बिजी शेड्यूल में हमरा से मिले खाती हमरा लगे अइनी। जय हो
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कबो सुख त कबो , परेशानी से गुजरल
कबो आग त कबो , पानी से गुजरल
कबो लरिकाई त कबो,जवानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल
कबो काम त कबो , आराम से गुजरल
कबो बदनामी त कबो , नाम से गुजरल
कबो छाह त कबो , घाम सेे गुजरल
कबो निहोरा त कबो , सलाम से गुजरल
कबो दिकत त कबो ,आसानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल
कबो खिसियाके त कबो,प्यार से गुजरल
कबो नगद त कबो , उधार से गुजरल
कबो किनार त कबो ,मझधार से गुजरल
कबो रुईया त कबो , पहाड़ से गुजरल
कबो सोना त कबो , चानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल
कबो कमजोर कबो , बरियार से गुजरल
कबो हलुकाह त कबो , भार से गुजरल
कबो गली गुची , कबो बाजार से गुजरल
कबो अकेला त कबो , हजार से गुजरल
कबो मनलस कबो , मनमानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल
कबो मस्ती में कबो ,जिमेदारी से गुजरल
कबो भालु त कबो , मदारी से गुजरल
कबो निरोग त कबो , बेमारी से गुजरल
कबो छुछे त कबो , तरकारी से गुजरल
कबो ठेला त कबो , दोकानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल
कबो मिठ त कबो , तित से गुजरल
कबो गीत त कबो , संगीत से गुजरल
कबो हार त कबो , जीत से गुजरल
कबो पट त कबो , चित से गुजरल
कबो नाफा त कबो , घानी से गुजरल
एगो जिनगानी केतना कहानी से गुजरल
कबो गर्व त कबो , पछताके गुजरल
कबो शांत त कबो , छटपटाके गुजरल
कबो निकलल त कबो,अटकाके गुजरल
कबो सीधा कबो उल्टा,लटकाके गुजरल
कबो ईमानदारी कबो,बईमानी से गुजरल
एगो जिनगानी केतना कहानी से गुजरल
#मिथिलेश_मैकश
#छपरा
#लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी
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