Monday, 10 July 2017

कबो सुख त कबो , परेशानी से गुजरल

Shri Swarganand Ji Maharaj के दिल्ली में दर्शन भइल। मन बहुत आनन्दित आ गर्वान्वित महसूस करता।
ओह 1 घण्टा हमरा खाती बहुत खास रहे जब बाबा के हाथ हमरा मुड़ी प पड़ल।खूब आसिरबाद मिलल। कुछ सीखे के मिलल..कुछ जाने के मिलल। हम आभारी बानी जे एतना बिजी शेड्यूल में हमरा से मिले खाती हमरा लगे अइनी। जय हो

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कबो  सुख  त कबो , परेशानी से गुजरल
कबो  आग  त  कबो  , पानी  से  गुजरल
कबो लरिकाई त कबो,जवानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल

कबो  काम  त  कबो , आराम से गुजरल
कबो  बदनामी त कबो , नाम  से गुजरल
कबो  छाह  त  कबो  ,  घाम  सेे  गुजरल
कबो निहोरा त  कबो , सलाम से गुजरल
कबो दिकत त कबो ,आसानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल

कबो खिसियाके त कबो,प्यार से गुजरल
कबो  नगद  त  कबो , उधार  से  गुजरल
कबो किनार त कबो ,मझधार से गुजरल
कबो  रुईया त  कबो , पहाड़  से गुजरल
कबो  सोना  त  कबो , चानी  से  गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल

कबो  कमजोर कबो , बरियार से गुजरल
कबो  हलुकाह त कबो , भार  से गुजरल
कबो गली गुची , कबो बाजार से गुजरल
कबो अकेला  त कबो , हजार से गुजरल
कबो मनलस  कबो , मनमानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल

कबो मस्ती में कबो ,जिमेदारी से गुजरल
कबो  भालु  त  कबो , मदारी  से गुजरल
कबो  निरोग त  कबो , बेमारी से गुजरल
कबो  छुछे त  कबो , तरकारी से गुजरल
कबो  ठेला  त कबो , दोकानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल

कबो  मिठ  त  कबो  ,  तित  से  गुजरल
कबो  गीत  त  कबो ,  संगीत से गुजरल
कबो  हार  त  कबो  ,  जीत  से  गुजरल
कबो   पट  त  कबो  ,  चित  से  गुजरल
कबो  नाफा  त  कबो ,  घानी से गुजरल
एगो जिनगानी केतना कहानी से गुजरल

कबो  गर्व   त  कबो  , पछताके  गुजरल
कबो  शांत त  कबो , छटपटाके  गुजरल
कबो निकलल त कबो,अटकाके गुजरल
कबो सीधा कबो उल्टा,लटकाके गुजरल
कबो ईमानदारी कबो,बईमानी से गुजरल
एगो जिनगानी केतना कहानी से गुजरल

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

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