Monday, 10 July 2017

घर_जाये_के_दिन_आ_गइल

#घर_जाये_के_दिन_आ_गइल
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पर पकवान घर के , खाना खाये के दिन आ गइल
उठावऽ झोरा बोरा कि, घर जाये के दिन आ गइल

दु गो पाएंट आ दु गो टिसट ,सरिया लऽ तु
रुपिया पइसा ट्रेन के टिकट, सरिया लऽ तु
जूता मोजा बांन्हऽ कि, अगराये के दिन आ गइल
उठावऽ झोरा बोरा कि, घर जाये के दिन आ गइल

धिर आज धरात ना ,समे के कंजूसी बा
घरे जइला के नु, अजबे मन में खुशी बा
बाबू माई के आत्मा दिल जुड़ाये के दिन आ गइल
उठावऽ झोरा बोरा कि, घर जाये के दिन आ गइल

मुखरा अंतरा कुछऊ अब ,बुझात नइखे
लिखी का, खुशी में कुछ लिखात नइखे
ढ़ेर भइल काम ,आराम फरमाये के दिन आ गइल
उठावऽ झोरा बोरा कि, घर जाये के दिन आ गइल

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

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