अमिरन के मये जगह मनमानी देखनी
गरीब के आँख में ,हमेसा पानी देखनी
जनता , लोकतन्त्र आ धर्मनिरपेक्षता
मये चुनाव में ,एकही कहानी देखनी
छटपटाईल उजबुजाइल खिसियाइल
जनता के उहे,हरानी परेसानी देखनी
पंखा,गेट पर आपन नाम लिखवावत
मंदिर महजिद में ,बड़का दानी देखनी
गांव में खोजत रहनी कहीं ना मिलल
काल इंटरनेटे पे ,मरइ पलानी देखनी
कलजुग,मतलबी, काम के दुनिया में
अदिमि से महंगा , सोना चानी देखनी
"मैकश" जिनगी में हर समे , हर जगे
ना ढेर फायदा आ ना ढेर हानि देखनी
#मिथिलेश_मैकश
#छपरा
#लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी
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