छुअला से बेमारी सटेला ना
ज्ञान के बाँटला से घटेला ना
गारी देबेवाला के देबे द मर्दे
झाड़ऽ देह हाथ में सटेला ना
असली मरद के इहे पहचान
बात से जे कबो हटेला ना
बेमारी हाड ,बीपी बढ़ल रही
बईमानी के धन पचेला ना
जेही देखी ,सेही अब रोवता
पहिले लेखा केहु हसेला ना
कुछ चाही जिये खाये खाती
बात से जिनगी कटेला ना
रुखर लोग सही होले मैकश
डालडा लो से हमें पटेला ना
#मिथिलेश_मैकश
#छपरा
#लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी
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