Monday, 10 July 2017

ओटा

#ओटा
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नाम त सुनलही होखब रावा..जानतो होखब आछा से..कुछ लोग एकरा के #ठोकर, #स्पीड_ब्रेकर ,#bump,  कुछ लोग त एकरा के अलग अलग नाम से #गरीअइबो करेला। देखल जाव त ठोकर लोग एह से बनावेला कि गाड़ी चलावे वाला लोग आपन गाड़ी के स्पीड जादा ना राखी जेहसे छोट छोट लइका के धाका ना लागे।
बाकी लोग के मानसिकता हम देखले बानी..जदि उनुका दुवारी से सरकारी रोड बनता भा निकलता त फेर के बा ?उनका लो के समझावे वाला..हर घर के लोग आपन आपन दुवारी प ओटा बनवा देला..पइसा आ समय लागे के बा ना?..त का दिकत बा ,जेकरा मन आपन आपन हिसाब से ओटा बनवा देला कि ड्राइवर लो के आधा समे कलच आ गियर बदले में लाग जाला..जे कम्पनी वाला लो कहे की हमार गाड़ी 65 के माइलेज देले उनुका के बस  दहीयावा से इनइ वाला रोड प चलावे के बोल द ..गाड़ी उनकर 20 से जादा माइलेज ना दिहि ई हमार गारन्टी बा। जहाँ तक हमार आपन व्यक्तिगत बिचार ह कि जब एक बार एह रास्ता से मोटरसायकिल चलाव तारा त आपस अइला के बाद ओह गाड़ी के सरभीसिंग जरूरी बा।

#ओटा_के_प्रकार:
कुछ ओटा, मोलायम होले , एकदम मलपुआ नियन ,छोट हाइट के माने 1 फिट से थोड़ा से कमे पड़ी..ओह प गाड़ी के टिउर रखते खरगोस नियन छीहल जाले ..बड़ी माजा आवे..

#कुछ ओटा , तनी उच होले ..जदि गाड़ी 50 के स्पीड में भी होखे त आदमी ओकरा के पार कर सकेला..बस हनडिल बरीयार से पकड़ले रही..एक हाली गचकी लगे बस हल्का सा जर्क लागी फेर तुरंत राहत मिली

#कुछ ओटा, कुछ जादे ही खतरनाक होले..माने जबतक की राउर गाड़ी के निचिला हिसा ना रगड़ा जाये ..बनावे वाला के मजा ना आवे..माने राउर गाड़ी के निचिला हिसा रगड़ाये के बा कवनो हाल में।

#कुछ ओटा, बीच से चाहे साइड से काटल मिलेले..ओकरा से मोटरसाइकिल आराम से निकल जाले..इ सुबिधा हर जगह नइखे..कही कही देखे के मिली..

#कुछ ओटा त अइसन होले कि उ जब सामने आई तबे पता चली..दूर से बुझाई ना..एके बेर जब आदमी हलुमान जी नियन कच से ऊपर कुदि त बुझाला की ओटा रहल ह..माने "#मौत_का_ओटा" कह सकत बानी

पहिले ओटा दूर दूर प लउकत रहे..अब त फैसन हो गइल बा ओटा बनावे के..प्रतिष्ठा के बिसय हो गइल बा..
#दहियावा_से_इनइ_के_दूरी खाली #5KM बा। हमरा याद बा पिछिला बेर जनवरी में गिनती कइले रही त लगभग 85 गो ओटा बा एह बीच में। अब पता ना केतना होइ..बढ़ले होइ..कम ना भइल होइ..

ओटा चाहे बड़ा होखे चाहे छोटा होखे...ओटा एतना बनावल ठीक नइखे..मान तानी कि लइकन के कचराए के डर बा..धाका लागे के डर बा..त एकर मतलब इ ना नु भइल की डेगे डेगे ओटा बना द..मानसिकता बदलल जरूरी बा..लइकन के गाडिंग कइल जरूरी बा..तरीका बदलल जरूरी बा..आपन स्वारथ खाती आवे जावे वाला लोग के समय आ गाड़ी के नुकसान कइल सही मानसिकता के सूचक ना ह..
बाकी रावा स्वतन्त्र भारत के नागरिक हई..के बा रोके टोके वाला..
जय हो

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

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