कुछ बारे के होइ त सलाई ना मिली
दरद बोखार होइ त दवाई ना मिली
खोजे चलब त कवनो चीज ना मिली
ठंडा करे के चहब फिरिज ना मिली
पानी चलाये के बेरी जग ना मिली
बिना सिकड़ के ट्रेन में मग ना मिली
आराम करेके चहब अलम ना मिली
लिखे बइठ त लगे कलम ना मिली
स्कूल जाए के बेरी किताब ना मिली
ईमानदारी देखइब ख़िताब ना मिली
कुछ न कुछ कमी होइ जोग ना मिली
तू खोजत रह बढ़िया लोग ना मिली
ATM मिली पर ओहमे नोट ना मिली
सजाव दही पहिले जस मोट ना मिली
प्राइवेट में खोजब त करिया ना मिली
सरकारी त मिली पर बढ़िया ना मिली
हसत खेलत ओइसन लोग ना मिली
फल फूल तरकारी खा रोग ना मिली
पईसा आला के आछा निन ना मिली
गरीब के जीवन कबो रंगीन ना मिली
चुप रहब त बोले के मोका ना मिली
जे छल कपट रखब धोखा ना मिली
हसत खेलत ओइसन लोग ना मिली
फल फूल तरकारी खा रोग ना मिली
पईसा आला के आछा निन ना मिली
गरीब के जीवन कबो रंगीन ना मिली
बहारे के खोजब त झाड़ू ना मिली
पियता उहे , जे कहता दारु ना मिली
बिना मंगले मुंह में खइनी ना मिली
गाछ बिरिछ प मैना मइनी ना मिली
पैरवी जोगार होइ त साजा ना मिली
खजुली से बड़ कहीं माजा ना मिली
जे साँच बोले अइसन नेता ना मिली
श्रवण जइसन कहीं बेटा ना मिली
धर्म के बात ना करब त भोट ना मिली
बिना चपलुसी ,अधिका नोट ना मिली
सभे रंगइले बा पाकल केश ना मिली
बिना मेकप वाला कहीं फेस ना मिली
धाका कइले रह खाली स्पेस ना मिली
भारत लेखा साँचो कहीं देस ना मिली
लोकतंत्र में रंगल कहीं गांव ना मिली
शांत ,सरल, निष्पक्ष चुनाव ना मिली
आपुस में बन्हाइल हिंदुस्तान ना मिली
बिना गुट धर्मनिरपेक्ष इंसान ना मिली
लाइन में लाग त आगे बारी ना मिली
चाभी लगाके छोड़ त गाड़ी ना मिली
होटल में घर जस गाढ़ा दाल ना मिली
मुंह पोछे के बेरी एको रुमाल ना मिली
दूरि के माजा कबो भीरी में ना मिली
हमेशा अब जिओ इ फिरि में ना मिली
सुखल इनार पोखरी में पानी ना मिली
बढ़िया गीत बढ़िया कहानी ना मिली
कुछु कहे के चहब त बात ना मिली
इंसानियत खोजब त जात ना मिली
दोस्त त मिलीहे पकिया यार ना मिली
मंगब प्यार से त कबो प्यार ना मिली
#मिथिलेश_मैकश
#लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी