Monday, 31 July 2017

सपेरा के हर सांप,नाग ना होला

किस्मत  एतनो  खराब ना होला
बाउर एतनो भी शराब ना होला

जिनगी  एगो  सवाल  हियऽ  हो
जेकर  कवनो  जवाब  ना होला

जहां  मिले  उंहे   सिखल  करऽ
अनुभव से बड़ किताब ना होला

कुछ  लोग  सोचेले , कुछ देखेले
हरेक के दिल में , आग ना होला

नुन  तेल  रोटी आ कपड़ा लाता
गरीब  के  जादा  खाब ना होला

कुछ ढ़ोरऊ त कुछ पनिया होले
सपेरा के हर सांप,नाग ना होला

लामा  दांत तऽ  कुकुरो के होला
नोह बढ़ावे से केहु बाघ ना होला

बात  इंहा चरितर के बा "मैकश"
कपड़ा  के  दाग,  दाग ना होला

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

आग_फेर_दिल_में_लागल_बाटे

#आग_फेर_दिल_में_लागल_बाटे
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पड़ल नाही निन आँख राती भर जागल बाटे
आग फेर दिल में लागल बाटे
आग फेर दिल में लागल बाटे ।

समे बड़ा बलवान होले भाई
वर्तमान भबिस इतिहास का करी ?
जब आपन आपने ना रहल
त हई दोसरा प बिस्वास का करी ?
जेकरा के हम बचावत चलनी
देह  ओकरे  हाथे दागल बाटे
आग फेर दिल में लागल बाटे
आग फेर दिल में लागल बाटे ।

जेकर नाम प हम फुलाइल रहनी
हवा निकाल के पुचका दिहलस
कान्हा पे हाथ फेरनी जेहके,आज
धके गरदन उहे मुचका दिहलस
दोस्त कहला प धिकार बा मैकश
मन सोच सोच के पागल बाटे
आग फेर दिल में लागल बाटे
आग फेर दिल में लागल बाटे ।

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

Wednesday, 26 July 2017

कारगिल विजय दिवस

कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में भारतीय सेना और देश के वीर जवानों को मेरा शत शत नमन ।
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हँस हँस के खा ली उन्होंने
गोलियाँ अपनी छाती पे
पर दाग नहीं लगने दिया
जिन्होंने देश की माटी पे
जिनकी शौर्य गाथा पढ़
आज मन मेरा पुल्कित है 
देश के उन वीर जवानों को
श्रद्धांजलि ये समर्पित है ।

इतिहास हमारा साक्षी है
हमने हार कभी न मानी है
कारगिल विजय दिवस उस
शौर्य वीरता की कहानी है
परमवीर महावीर जैसे चक्रों
से जिनका नाम अलंकृत है 
देश के उन वीर जवानों को
श्रद्धांजलि ये समर्पित है । 

बढ़ते गये जिनके कदम
देश हित में जो शहीद हुए
उस बरस कितनों के घर
न दिवाली न ही ईद हुए
छबीस जुलाई सन् निनानबे
स्वर्ण अक्षरों से अंकित है
देश के उन वीर जवानों को
श्रद्धांजलि ये समर्पित है ।

एक एक जान लगा दी थी
भारतीय सेना के जवानों ने
छठी की दूध याद करा दी थी
वायुसेना के वायुयानों ने
हिंदू मुस्लिम न सिख ईसाई
पूरे भारत वासी की जीत है
देश के उन वीर जवानों को
श्रद्धांजलि ये समर्पित है ।
       -  मैकश मनोज

Tuesday, 25 July 2017

ओफ़िस के काम ,ओफ़िसे में सेटिया लिहल करऽ

ओफ़िस के  काम  ,ओफ़िसे में  सेटिया लिहल करऽ
कबो कबो फोन छोड़ी,हमरो से बतिया लिहल करऽ

आज त तु कुछ बोलऽ मत,बस चुपचाप कहे द
लेपटॉप , मोबाईल बन करऽ , घर के घर  रहे द
बात जवन कहत बानी, मन में अटिया लिहल करऽ
कबो कबो फोन छोड़ी ,हमरो से बतिया लिहल करऽ

के मति मरलस तहार , एको अन्न नाही रुचऽता
एक हाथे मोबाइल , दूसरे हाथ में रोटी सूखऽता
हमार ना मानऽ , लईकवा के त पतीया लिहल करऽ
कबो कबो फोन छोड़ी,हमरो से बतिया लिहल करऽ

दिन भर टुक टाक मेसेज ,भेज तारऽ स्टाइल से
जे मन नइखे भरत त , कल बियाह मोबाइल से
जा होजा हलुका ,आ मन के खलिआ लिहल करऽ
कबो कबो फोन छोड़ी ,हमरो से बतिया लिहल करऽ

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

Tuesday, 11 July 2017

मुसलमान से पहले , इंसान

सलाम ....ऐसे मुसलमान को
जो बचाए औरों की जान को
जिंदा रखा है जिसने अब तक
मुसलमान से पहले , इंसान को

Monday, 10 July 2017

चोट_पऽ_हरदी_ना_लगावऽ_त_निशान_हो_जाला

करेजा से निकलल आह..बाउर ना जाला।
रोवां पड़ी तोहरा लोगन के।
लोर भरल श्रद्धांजलि...
#हर_हर_महादेव...

#चोट_पऽ_हरदी_ना_लगावऽ_त_निशान_हो_जाला
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चोट पऽ हरदी ना लगावऽ त, निशान हो जाला
एगो छोट चुटी से भी , हाथी  परेशान हो जाला

दोस्ती होखे भा दुश्मनी,होखे त अच्छा से होखे
आधा दोस्ती आधा दुश्मनी, नुकसान हो जाला

जवन देश मे अइसे , सेना प सियासत होखे हो
फेर उ देश, देश ना,बनिया के दोकान हो जाला

लइकाई में एगो बात सुनले रही ,बुला साचे हऽ
जवन बच्चा के जादा दुलारबऽ,शैतान हो जाला

एल ओ सी ,बाघा बोर्डर, सब पहिले के सीमा ह
अब बिपक्षी जहां , उहें से पाकिस्तान हो जाला

जे एतना दरियादिली बा, पाकिस्तानियन खाती
त फेर चुप्पी काहे?,जब शहीद जवान हो जाला

जदि आतंकी के कवनो , मजहब धर्म ना होला
त ओकर लाश कइसे ,हिन्दू मुस्लमान हो जाला

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

सीधा_रहब_कटे_में_देर_ना_लागी

#सीधा_रहब_कटे_में_देर_ना_लागी
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आपुस के ममिला ह , पटे में देर ना लागी
कटहर के लासा ह  ,  सटे में देर ना लागी

पईसा उमिर जवानी पे , गुमान ना कइनी
जले बा तले बा राजा ,घटे में देर ना लागी

जवन हिसाब से , देस में  राजनीत  होता
तू देख लिहs ,देस के बटें में देर ना लागी

नेता आ  गाड़ी के , भरोस में  ना रहिहs
तनी दुरे पाछे रहs ,पलटे में देर ना लागी

केहू हिन्दू  त केहू , मुसलमान भोट मांगे
अब  संसद में , बम  फटे में देर ना लागी

आगे अपना  दम पs , आज ठारा बानी
पता बा,लोग के पाछे हटे में देर ना लागी

टेढ़ा रहबs , हमेशा बचल रहबs 'मैकश'
जे ढ़ेर सीधा रहबs , कटे में देर ना लागी

#मिथिलेश_मैकश
 

#लिखीं_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

पढ़ही के परी

मुखरा :

पढ़ही के परी पढाई ए बबुओ
काम ना चली चिट से -2
बन्द क द चलावल जियो
इन्तहान नियराइल मैटिक के
पढ़ही के परी....

अंतरा :

पढ़े लिखे में तहार लागत नइखे मन हो
माटी में मिलावs तारा घरवा के धन हो
हई व्हट्सऐप ,कइले बा बिगाड़
धइले बाटे , तहरा नेट के बोखार
होइ कुटाई नंबर जे आई
जदि जीरो मार्कशीट में
बन्द क द चलावल जियो.....

अंतरा:

खाली बतकूचन कर तारा राजनीत हो
भूगोल इतिहास मये गोल बा गणित हो
तहार साइंस, के नइखे जवाब
तुड़ देलs ,अंगेरजीया के टाँग
घरवा के लोगवा जिये ना दी
बोखार छोड़ा दी पिट के
बन्द क द चलावल जियो.....

अंतरा :

फोर जी के आगे कुछु रुचे नाही भाई रे
जिओ लइका लईकिन के फेल करवाई रे
ले ल माजा , मार मसका नु हो
लागल मंगनी , के चस्का नु हो
नकल करावे अबकी जे जाइ
पुलिस मारी घिच के
बन्द क द चलावल जियो....

#मिथिलेश_मैकश

#लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
#रउवा

बंद कद चलावल Jio

https://youtu.be/bRkXwY4r6b8

नारी का अपमान

गुरूजी असित कुमार मिश्र जी के कलम से....

अधिकार सुख कितना मादक और सारहीन है....
कुछ दिनों से दिल्ली की एक शिक्षिका और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी जी का वायरल हुआ विडियो दिखाई दे रहा है। जिसमें दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में सीसीटीवी कक्ष के उद्घाटन समारोह में संचालिका शिक्षिका ने तिवारी जी का परिचय देते हुए एक गीत सुनाने का आग्रह किया है।इतनी सी बात पर तिवारी जी बुरी तरह डांटते हुए उस शिक्षिका को मंच से उतार देते हैं और प्रशासनिक कार्रवाई का 'आदेश' भी दे रहे हैं। उस शिक्षिका की लाचारी और उसके चेहरे पर आए खौफ़ की परछाई को सैकड़ों बार देख चुका हूँ। साथ ही जिस दीनता से वह मुस्कुराते हुए शायद साॅरी सर साॅरी सर कह रहीं हैं, यह मात्र एक भारतीय शिक्षक का ही वर्तमान चेहरा नहीं है, बल्कि यह पूरी शिक्षा व्यवस्था, शिक्षा नीति और उस राष्ट्र का चेहरा है, जो "तस्मै श्री गुरूवै नम:" कहते नहीं अघाता। शिक्षा विभाग के सबसे छोटे अधिकारी एस डी आई से लेकर सांसद मनोज तिवारी तक सभी यही बर्ताव करते हैं एक शिक्षक के साथ।
तीन चार साल पहले एक परीक्षा सेंटर पर कक्ष निरीक्षक था मैं। इंटर की बोर्ड परीक्षा थी एसडीएम साहब मेरे कमरे में घुसे और पहला सवाल मुझसे ही - तुम कौन हो?
मैंने बताया - सर! मैं कक्ष निरीक्षक असित कुमार मिश्र।
उन्होंने पूछा कि क्या पढ़ाते हो तुम ?
मैंने कहा - सर! जब मैंने बताया कि कक्ष निरीक्षक हूँ तो कृपया 'आप' कहिए मुझे।
सर बिगड़ गए - जानते हो कौन हूँ मैं... सस्पेंड हो जाओगे... वगैरह वगैरह।
मैंने कहा शायद आप नहीं जानते कि शिक्षक हूँ मैं और पाँच साल दस बच्चों पर मेहनत करूंगा तो दसों को डी एम बना दूंगा और उस दिन यही सस्पेंड वाली धमकी आपको मैं दूंगा...
बात खत्म हो गई उनका जो होना था हुआ होगा मैं आज भी ड्यूटी पर तैनात हूँ। दरअसल अध्यापक के मुख पर जो स्वाभिमान होना चाहिए जो पद गौरव होना चाहिए वह न राज्य सरकारें चाहती हैं न अभिभावक न खुद शिक्षक। पहली बात तो उस शिक्षिका को चाहिए था कि उसी मंच पर आदरणीय तिवारी जी को खींच कर एक थप्पड़ मारतीं। बहुत होता तो नौकरी चली जाती। कम से कम अध्यापक के साथ सदियों तक एक सांसद तमीज़ से पेश तो आता....
दूसरी बात मनोज तिवारी जी से। आज आपको सांसद की मर्यादा का बोध हो रहा है? और तब कहाँ थी यह मर्यादा जब जूलिया और नेहवा की पतली कमर में हाथ डाले आप 'बगल वाली जान मारेली' गा रहे थे! गीत को छोड़कर अगर आपका मूल्यांकन किया जाए तो कुछ भी नहीं हैं आप। सांसद तो 'बाई लक' बने हुए हैं आप। जैसे गोविंदा बन गए राम नाईक की जगह, जैसे अमिताभ जी बन गए बहुगुणा जी की जगह। जब पूरा देश नोटबंदी के समय लाइन में खड़ा था तो हमारा मजाक उड़ा रहे थे आप। तब इस सांसद पद की मर्यादा का बोध नहीं हुआ?
एक तरफ देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी कह रहे हैं कि वृक्षों पर जब फल लगते हैं तो वह झुक जाता है और दूसरी तरफ आपका इतना अहंकार कि छोटी सी बात पर एक अध्यापक को मंच से उतार दिया। जिसने आपको सम्मान सहित आमंत्रित किया उसी की बेइज्जती? अधिकार सुख कितना मादक और सारहीन होता है यह पढ़ा ही था आज प्रत्यक्ष भी देख लिया।
याद रखिएगा सांसद महोदय एक चाणक्य सैकड़ों चंद्रगुप्त पैदा करके उसे राजभवन भेज सकता है लेकिन लाखों राजभवन मिलकर भी एक अध्यापक नहीं बना सकते। अध्यापक की इज्जत करना सीखिए तिवारी जी, मंच पर आसीन करना हर युग का चाणक्य जानता है और मंच से उतारना देश की जनता बखूबी जानती है।पूर्ववर्ती सरकारों के अहंकार और जनता के अपमान करने का परिणाम सामने ही है। इतिहास बनाने की जल्दबाजी में इतिहास ही न बन जाइए...
असित कुमार मिश्र
बलिया

जब जरूरत होला त समान ना मिली

कुछ बारे के होइ त सलाई ना मिली
दरद बोखार होइ त दवाई ना मिली
खोजे चलब त कवनो चीज ना मिली
ठंडा करे के चहब फिरिज ना मिली

पानी चलाये के बेरी जग ना मिली
बिना सिकड़ के ट्रेन में मग ना मिली
आराम करेके चहब अलम ना मिली
लिखे बइठ त  लगे कलम ना मिली

स्कूल जाए के बेरी किताब ना मिली
ईमानदारी देखइब ख़िताब ना मिली
कुछ न कुछ कमी होइ जोग ना मिली
तू खोजत रह बढ़िया लोग ना मिली

ATM मिली पर ओहमे नोट ना मिली
सजाव दही पहिले जस मोट ना मिली
प्राइवेट में खोजब त करिया ना मिली
सरकारी त मिली पर बढ़िया ना मिली

हसत खेलत ओइसन लोग ना मिली
फल फूल तरकारी खा रोग ना मिली
पईसा आला के आछा निन ना मिली
गरीब के जीवन कबो रंगीन ना मिली

चुप रहब त बोले के मोका ना मिली
जे छल कपट रखब धोखा ना मिली
हसत खेलत ओइसन लोग ना मिली
फल फूल तरकारी खा रोग ना मिली

पईसा आला के आछा निन ना मिली
गरीब के जीवन कबो रंगीन ना मिली
बहारे के  खोजब  त  झाड़ू ना मिली
पियता उहे , जे कहता दारु ना मिली

बिना मंगले  मुंह में खइनी ना मिली
गाछ बिरिछ प मैना मइनी ना मिली
पैरवी जोगार होइ त साजा ना मिली
खजुली से बड़ कहीं माजा ना मिली

जे साँच  बोले  अइसन नेता ना मिली
श्रवण  जइसन  कहीं  बेटा  ना  मिली
धर्म के बात ना करब त भोट ना मिली
बिना चपलुसी ,अधिका नोट ना मिली

सभे रंगइले बा पाकल केश ना मिली
बिना मेकप वाला कहीं फेस ना मिली
धाका कइले रह खाली स्पेस ना मिली
भारत लेखा साँचो कहीं देस ना मिली

लोकतंत्र में रंगल कहीं गांव ना मिली
शांत ,सरल, निष्पक्ष चुनाव ना मिली
आपुस में बन्हाइल हिंदुस्तान ना मिली
बिना गुट  धर्मनिरपेक्ष इंसान ना मिली

लाइन में लाग त आगे बारी ना मिली
चाभी लगाके छोड़ त गाड़ी ना मिली
होटल में घर जस गाढ़ा दाल ना मिली
मुंह पोछे के बेरी एको रुमाल ना मिली

दूरि के माजा कबो  भीरी में ना मिली
हमेशा अब जिओ इ फिरि में ना मिली
सुखल इनार पोखरी में पानी ना मिली
बढ़िया गीत बढ़िया कहानी ना मिली

कुछु  कहे  के  चहब त बात ना मिली
इंसानियत  खोजब त जात ना मिली
दोस्त त मिलीहे पकिया यार ना मिली
मंगब प्यार से त कबो प्यार ना मिली

#मिथिलेश_मैकश

#लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

गोरिया चाँद के अंजोरिया नियन गोर बारू हो

आज से एगो प्रयास करत बानी कि जेतना भी भोजपुरी में सभ्य आ सुंदर गीत के रचना भइल बा ओकरा के पुरे लोगन तक पहुचावल जाव...जब लोग कहेला कि भोजपुरी में खाली अस्लिल गीत बा ...त हमार दिल भारी हो जाला...
ओइसनके लोग खाती जे ई सोचेला कि भोजपुरी में अच्छा गीत नइखे ..ओकरा खाती आज से एगो प्रयास करत बानी...थाती भोजपुरी के ..नाम से।
समय लागी एहमें बाकि जब भी समय मिली अच्छा गीत के घर घर तक पहुचावल जाइ ।
जदि रउवा लोग के अच्छा लागे त अच्छा चीज के हर जगह शेयर करी।

#थाती_भोजपुरी_के_1

स्वर: भरत शर्मा "व्यास"
गीत : मंजुल जी
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गोरिया चाँद के अंजोरिया नियन गोर बारू हो
तोहार जोर केहू नईखे बेजोर बारू हो...

तोहार ओठ चटकर बा गुलाबी नियन
गाल उगल बा  नैना शराबी नियन
गोरी रस्वा भरल पोरे पोर बारू हो
तोहार जोर केहू नइखे बेजोड़ बारू हो...

दिल पे बिजली गिरेला जब ताकेलु तू
गोरी हंसी के खिरकिया से झाकेलु तू
तू त गमकत बसंती झकझोर बारू हो
तोहार जोर केहू नइखे बेजोड़ बारू हो

एह गली तोहरे खातिर त आयीले हम
तोहरे खातिर त जिनगी गवाईला हम
गोरी चंचल चकोरी चितचोर बारू हो
तोहार जोर केहू नइखे बेजोड़ बारू हो

चाल बिगरल बा सावन के कहात नइखे
बिना तोहरा के एको पल रहात नइखे
भरत मंजूल के नेहिया के डोर बारू हो
तोहार जोर केहू नइखे बेजोड़ बारू हो...

गोरिया चाँद के अंजोरिया नियन गोर बारू हो
तोहार जोर केहू नईखे बेजोर बारू हो...

क्रमशः.......

अगिला बेर फेर दोसर गीत के साथ आवल जाई।
जय भोजपुरी
जय होखे भोजपुरी के

यादें : दादाजी की

#बाबा_आज_रहतऽ_त_केतना_आछा_होइत
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कहीं से अइतऽ त दू चार गो पाई देतऽ
रोवती तऽ चुप कराये ला मिठाई देतऽ

घुघुआ  माना  खेलइत अपना गोदी में
बइठाके हाथे खिअइत अपना गोदी में

कइसे भुलाई केतना हमें मानत रहलऽ
ठंडा लागत रहे त गाती बान्हत रहलऽ

हम जानीले हमें छोड़ के ना जइबऽ तू
हमरा बिस्वास बा कि  फेरु अइबऽ  तू

बजारी से जाके एगो पुतुल लिया द तू
सोनचीरईया के , काथा फेर सूना द तू

तहार सनेह के भाषा हम पढ़ ना पवनी
अखरेला कि जादा कुछ कर ना पवनी

काश जवन सोच तानी फेर से साचा होइत
बाबा ! आज  रहतऽ त केतना आछा होइत

(स्व० राजबलम राय) बाबा ..ताहर नाम ऊँचा रहे।
आज बड़ी याद आवत बारs

#लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

माई ...आगे कुछ ना कहाई

छाती जब पीटेली... त सुखार आ जाला
माई जब भी रोवेली...त बाढ़ आ जाला।

माई जब उदास रहे....त मये फिका लागे
माई जे हसेली..त सगरो बहार आ जाला।

अकेले मये रात जागल रहे..बेटा खातीर
जदी बेटा के..तनिको बोखार आ जाला।

तनि मुनि जब कुछऊ हो जाला लइका के
त माई पे लागे...जइसे पहाड़ आ जाला।

माई जेतना क देली दोसर ओतना के करी
माई के छोटहन अचरा मे संसार आ जाला।

जरूरत परेला जब दुनिया के,त ईहे माई
बन जाली दुर्गा हाथ मे तलवार आ जाला।

माई के बनावल रोटी मे...बहुते तागद बा
आ छुअल पानी मे ,अमृत धार आ जाला ।

माई जवना काम मे हाथ लगा देबे 'मैकश'
त रुकल जिनगी मे भी रफ़्तार आ जाला ।

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

श्रद्धांजलि : शहीदों को

आज शहीद दिवस ह। भगत सिंह जी , राजगुरु जी , सुखदेव जी के बलिदान के कीमत केहु चुका नइखे सकत।
देश के आजादी में जवन योगदान देले बारे लो ओकर गाथा पूरा दुनिया जानेले।
हमरा भीरी शब्द नइखे जे से कि इंकरा लो के ओह शब्द से अलंकृत कर सकी...
कोटि कोटि प्रणाम बा...लोर भरल श्रधांजलि बा...आज भी दिल में उनकर नाम धरकेला।
जय हिन्द ..जय भारत..जय भोजपुरी
__________   __________  ____________  ______

#देश_के_उन_वीर_जवानन_के
#श्रद्धांजलि_ई_समर्पित_बा।

हँस हँस के खा लिहले जे
गोली  के अपना छाती पs
बाकी , दाग  ना लागे देले
जे देश के अपना माटी पs
जिनकर शौर्य गाथा पढ़के
आज मन हमार पुल्कित बा
देश के उन वीर जवानन के
श्रद्धांजलि ई  समर्पित बा।

बढ़त गइल जिनकर कदम
देश हित में जे शहीद भइल
ओह साल  केतनन के घर
ना दिवाली ना ही ईद भइल
23 मार्च उन्नीस सौ इकतीस
स्वर्ण अक्षरों से अंकित बा
देश के उन वीर जवानन के
श्रद्धांजलि ई  समर्पित बा।

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

चलत रह....राह निचका जाई।

जे रुकब...त मन अकुता जाई
चलत रह....राह निचका जाई।

जे ना बुझाये....त पूछ ल मरदे
केहु बाघ थोरे ह...जे खा जाई।

ई जिनगी...अईसन गीठा ह हो
ढेर सुझरइब....त उझरा जाई।

बेटा बेटी के....गारन्टी ना लेम
गाय...त साझ ले घर आ जाई।

कल चोरी ...केतनो धोखाधड़ी
आज ना काल....पकड़ा जाई।

कईल कर ..कुछ एकही 'मैकश'
दुगो नाव पे...टाँग छितरा जाई।

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

ए_संघाती_चईत_के_दिन_याद_आवता

#ए_संघाती_चईत_के_दिन_याद_आवता
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चाना के सतुइ होखे आम के चटनी होखे
चईत के दिन होखे , गेंहू के  कटनी होखे
लिपाईल पोताइल खेत में खरिहान होखे
टेक्टर भा ठरेसर पे बाझल किसान होखे
पसिनाइल देह प ऊपर से मनमानी होखे
ठंडा-ठंडा धइल, घइला में के पानी होखे
मन माने ना ,कसहु मन के मनावता
ए संघाती चईत के दिन याद आवता।

बेंजु डुगडुगी झाल के संग बइठकी होखे
गीत गवनई होखे खूब चईता चईती होखे
लोग खटिया बिछा गाछी त सुस्तात होखे
मन भंगुआये जब, भीतर हवा जात होखे
लइका सेयान , बुढ़वन के बतकूचन होखे
चार लोग जुटी , टुनटुनाइन में मगन होखे
बहता बेयार त मन के लसलसावता
ए संघाती चईत के दिन याद आवता।

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

चढ़ते_चईतवा_परदेशवा_गइले_राजा_जी

#चढ़ते_चईतवा_परदेशवा_गइले_राजा_जी
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बढ़िया से फगुओ ना  बितइले राजा जी
चढ़ते चईतवा  परदेशवा गइले राजा जी ।

अभी त खुमारी रहे , मन भरलो ना रहे ठीक से
लाल पियर हरिअर रंग, उतरलो ना रहे ठीक से
झुठो खानी 10 दिन ला अइले राजा जी
चढ़ते चईतवा  परदेशवा गइले राजा जी ।

हंसी मजाक होइत , कुछ सुनते  आ कुछ कहते
सरकारी नोकरी ना रहित त आराम से घरे रहते
ना बुझाइल कब अइले कब गइले राजा जी
चढ़ते चईतवा  परदेशवा गइले राजा जी ।

'मैकश' असो के चईत , दिल हमार टुटिये गइल
सतुआ सनाईल ना ,टीकोरा आम सुखिए गइल
दु कवर ठीक से भी ना ,खइले राजा जी
चढ़ते चईतवा  परदेशवा गइले राजा जी ।

बढ़िया से फगुओ ना  बितइले राजा जी
चढ़ते चईतवा  परदेशवा गइले राजा जी ।

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

तहार_गली_से_गुजरेम_बाकी_नजर_उठाके_झाकेम_ना

#तहार_गली_से_गुजरेम_बाकी_नजर_उठाके_झाकेम_ना
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तु आइयो जइबु सामने त भुलाईयो के हम ताकेम ना
तहार गली से गुजरेम बाकी , नजर उठाके झाकेम ना

अभी ले हमार प्यार देखलु ,अब हमार इंतकाम देख
जुदाई के गम में डूबल,एगो प्रेमी के सुबह साम देख
बड़ी हमें रोअवले बारु, हम बिना रोअवले मानेम ना
तहार गली से गुजरेम बाकी, नजर उठाके झाकेम ना

तनिको ना मोह माया, कइसे रोटी नियन हमके बेलेलु
हमार दिल कवनो मशीन हवे , जे एहसे एतना खेलेलु
तु पहचानियो लेबु हमरा के त ,हम बाकी पहचानेम ना
तहार गली से गुजरेम बाकी , नजर उठाके झाकेम ना

हम मुयेम थोड़े हो , बस दोसर अब कवनो काम होइ
तहरे जस लोग के कारण, प्यार के नाम बदनाम होइ
प्यार बड़ा खराब चीज हटे, बढ़िया एहके जानेम ना
तहार गली से गुजरेम बाकी ,नजर उठाके झाकेम ना

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

केहु_बाटे_हो_प्रिया_जे_आजो_तोहार_इन्तजार_करेला

#केहु_बाटे_हो_प्रिया_जे_आजो_तोहार_इन्तजार_करेला
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दिल में केतना चाहत बाटे,केतना आदर सत्कार करेला
केहु  बाटे  हो  प्रिया  ,जे आजो तोहार इन्तजार करेला

दिन महीना कई साल गुजरलस  ,   सोचऽ केतना मानेला
तहरेला जियलस तहरेला मरलस  , सोचऽ केतना मानेला
तोहार फोटो के मूर्ति नियन ,सजा के सर सिंगार करेला
केहु  बाटे  हो  प्रिया , जे आजो तोहार इन्तजार करेला

दूर ना होखे देलस आजो ,तहार नाम गोदवा के रखले बा
तु आ जइबु त लड्डू बंटवाई ,मये गांव में भाड़ा भखले बा
अब तु सोच ना सकेलु कि, केतना तोहसे प्यार करेला
केहु  बाटे  हो  प्रिया , जे आजो तोहार इन्तजार करेला

तु अइबु लवट के एकदिन , मन में ओकरा बिस्वास बाटे
सुननी हा कि  तहार नाम प , आठ  दिन से उपवास बाटे
कबो दिया बारेला ,कबो अपने फूंक के अन्हार करेला
केहु  बाटे  हो  प्रिया ,जे आजो तोहार इन्तजार करेला

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

नोट : "प्रिया" एगो काल्पनिक नाम हवे ,एहसे केहुओ के केहु से कुछ सम्बन्ध नइखे...अगर रावा अइसन लागता त मात्र एक संयोग कहल जाइ...

ओठ_के_लाली_चटकार_केकरा_खाती

#ओठ_के_लाली_चटकार_केकरा_खाती
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टिका बाली झुमका हार  केकरा खाती
हई  हेतना सिंगार पटार  केकरा खाती

बहता जे ई  पुरुवा बेयार केकरा खाती
हई असो के बसंत बहार केकरा खाती

लाले चुनर लाले लहंगा मये लाले लाल
ओठ  के  लाली चटकार केकरा खाती

माघ फागुन देखत देखत  चईत बितल
अब ई सावन के इंतज़ार केकरा खाती

ठठा के हसल  फेर  मने मने मुस्काइल
भीतर के भितरीया प्यार केकरा खाती

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी