Sunday, 22 April 2018

शादी थिसिस

शादी थिसिस
■■■पार्ट 1■■■ (हंसी-ठिठोली)

बियाह जो है न, खाली दोसरे के अच्छा लगता है । दोसरे के काँधा प बंदूख रख के गोली चलाने में मज़ा बहुत है । काले खरवास खतम हुआ, आ आजे अगुआ मंगरुवा  के दुवार प चहुँप गये साइकिल से । एने अगुआ लोग  इन्टरभिव के लिए लईका का इंतज़ार कर रहे हैं आउर उधर साइड में ले जाके लोग मंगरुवा  को याद पड़ा रहे हैं कि पापा, मामा, नाना के नाम के पहिले *श्री* लगाना । लबर लबर जादा दांत मत चियारना। सीधे जाके गोड़ छू के प्रणाम कर लेना आ पईसा कोई दे तो लेना मत ना तो बंधा जाएगा ।
सरभिस वाला लईका का बड़ी भेलू है महाराज , रोजे दस गो अगुआ दुवार कोड़े रहता है । जेतना लईका को आदमी नहीं देखता है ओसे जादा तो लईकी को देखने आता है । बेचारी एगो लईकी को देखने के लिए पूरा घर परिवार, हितई नाता, गांव पाटीदार सब चहुँप जाता है कउंवा नियन मुंह लेके । लईका कैसनको हो बाकी लइकी चाहिए श्री देवी माधुरी दीक्षित हीरोइन.....  जइसे मोबाइल का फीचर चेक होता है न ओसाहि आजकल लोग लईकी चेक कर रहें है । केतना पढ़ी हो ?, का कर रही हो ?, कम्प्यूटर जानती हो ?, BA मेँ कवन डिविजन है?  बैल नीयन चलाकर, दउड़ाकर कबो सूट पर त कबो साड़ी पर चेक किया जा रहा है लईकी को। बुझाता है कि लोग लईकी देखने नहीं रोजगार समाचार देखने जा रहा है |        जहिया तिलक के दिन होता है न त लईका  मार भोरही से बिलचिंग प ब्लीचिंग आ फेसवाश प फेसवास पाउडर किरिम पोत पोत के उजर हो जाता है । सेंट मार मार के बोका नीयन महकने लगता है जी । साँझ तक दूल्हा फुलहा लोटा नीयन चकमने लगता है । सबसे बेसी माजा तो उस समय आता है जब टाई बांधने के लिए आदमी खोजाने लगता है । लईका आधा घण्टा से टाई को रसड़ी नीयन गर्दन में लपेट रहा है। ( ए जीजा जी तनिका टाई बांध दीजिये न )
तिलक चढ़के जइसही खतम होता है न भउजाई लोग  चढ़ जाती हैं आंगन में।  जेतना पुरान भउजाई  होती है ओतने बरियार चूंटी काटती है लोग । दूल्हा के परछावन के बेरी गाल प लोढ़ा लोढा मार के गाल पचका देती हैं लोग । गालवा घिंच घिंच के रबर नीयन लमरा दिया जाता है।
दुवारी लगाने के टाइम प छव फुटवा घोड़ा के  घुड़दौड़ के साथ गांव में गर्दा गर्दा हो जाता था । धुरा उड़ा के धुरकुस कर देता था लोग। गांव में हाल्ला हो जाता था कि फलांनावा गांव से बरका बारात आया है जवना में 120 चोंप का समियाना है आउर बाई जी का नाच है। सबसे बेसी मजा तो हमको लअंडा के नाच में आता था। जब लअंडा टेढ़वार कमर मारता था न त मन करता था कि तुरंते सय के कड़कड़ीया नोट चोरउ पॉकिट से निकाल के लऊंडा के हाथ में थमा दे... बाकी का करे??  सामियाना में बाबूजी के डरे ओहिजे खड़े के खड़े रह जाते थे ||
ई आज ले डाउटे रहता है दूल्हा के  कि जयमाला के बेरी कवन पहिले माला डालता है  साली जी का मुंह त लियाकर आ ललचाकर  रसगुल्ला खियाने हटाने का बाते अलग है। रसगुल्ला के भक में केतना आदमी निमकी आउर आटा का रसगुल्ला खाया है? साँच साँच बताइये??
गुरहथि चढ़ाने के बेरी जब भसुर लोग आँगना में जाता हैं तो औरत सब एक से एक फिल्मी धुन प गारी गाती थी । काहे समधी भडुआ भागी गयो बईठो – बईठो ताहरा चुकर में बाँहब कबूतर हो बईठो- बईठो....। उ  का है न कि कहते हैं कि गारी से रिश्तेदारी बरियार होता है । जले आँगना में बईठा के आठ किसिम का  गारी लोग नहीं सुनते थे तले चार किसिम का खाना नहीं पचता था.....
अंदर आना मना है सौ रुपया जुर्माना है दुसुती पर्दा प लिखा हुआ शायरी केतना लो डायरी में लिखे हैं, आलू के भूजिया भूजते में जर गए , ए पिंकिया के पापा हम त तोरा यादे में मर गए । आदमी जब तकिया के खोल प शायरी पढ़ता था न तो पिंकिया के याद आने लगता था।
जेतना दूल्हा को मजा नहीं आता होगा  ओसे बेसी मजा तो छोट लईकावा लोग  लेता है  बियाह में । आलू छिलना, पियाज छिलना, पत्तल बांटना ,तरकारी चलाना में बड़ी मन लगता था सांचों.. ए जल जल जल है , अलूदम , अलूदम ,मिक्सचर ....( कैमरा को पास बुलाते हुवे ) !! छोट छोट लईका सन को तुड के पूड़ी देना औउर  तरकारी हिसाब से, पोलाव लास्ट में आ सलाद कमें कमें । आ सुनो रसगुल्ला खाली बरतिहा  के  गांव लो के बाद में देखा जायेगा …..

शादी थिसिस
  ■■■पार्ट 2 ■■■ ( रुवांश और भावुक )

आज जमाना स्मार्ट आउर स्मार्टफोन का है । पहिले जइसा अब कोहबर थोडिये सजता है,  मेहरिया गाया है सभकूछ महाराज ।   भउजाई लोग शहर से आई हैं, अंग्रेजी स्कूल  से पढ़के। केहुको एको लाइन गीत ईयाद नहीं है । गीत गाने में लाज लग रहा है। पाहिले गीत गाने के लिए माइक का  छीना छीनी होता था। अब उ बात नहीँ है । अब माड़ो में मेहरारु कम आ मोबाइल जादा दिखाई दे रहा है। गीत गावे से जादा सेल्फ़ी घिचे में व्यस्त है सभे, दुल्हिन के सहेली पल पल के खबर फेसबुक, व्हात्सप्प अपडेट रखती हैं ....   #Mee_at_Kohbar_with_लुलिया_के_मरद...।    Hiii..friends..Luliya ke marad is too smart..
   ट्रेक्टर के डाला पर गाय भैस नीयन लदा लदा के बारात जाने का याद आज भी हमार करेजा हेलोर देता है । हीरो के बिना चैन कभर वाली टुटही साइकिल, स्कार्पियो से कम नहीं था। आदमी जब  जब बाराती का address भूला जाता था  तो मरकरी के लाइट पर सामियाना तक पहुंच जाते थे। ठोंगा-भोज के बाद सर्च करते थे कि अपना बारात या किसी दुसरे का .....  बारात 4 बजे से जायेगा बाकी एके बजे से मार नया नया कपड़ा पेन्ह खोल के दुये घण्टे में पुरान कर देते थे।
पहिले जब बारात निकलता था तो पूरा गांव के गांव बारात जाता था। लईका फइका बूढ़ जवान सभे बाराती जाता था अऊर जब तक बिदाई नहीं नहीं हो जाता था लोग बरियाते में रहते थे। अब पहिले जइसे लोगे नहीं जुटता है बारात में। बारात जाना खाली फॉर्मेलोटी हो गया है। लोग त खाली खा-पी कर के घर निकल जा रहे है  बच जाते है बस लईका के पापा ,लईका के चाचा , लईका के मामा, लईका के फूफा । इहे चार पांच लोग रात भर बैठ के समियाना अगोड़ते हैं। पंडियो जी लो केहू से कम नहीं है। एके दिन दुदु गो बियाह तिलक का साटा बुक कर रहे हैं । एक ओर  दुवार पूजा करा के दोसरा और तिलक चढ़वा रहे हैं लो। मंगलम भगवान विष्णु मंगलम गरुड़ध्वज मंगलम पूंडरीकाछ आधा बोल के बिचे में खतम कर तनो हरि कर दे रहे हैं लो। कहीं कहीं त फोने पे बिआह करा देते हैं    सबकुछ हडबड़ी में हो रहा है,लईका  बाहर में नॉकरी कर रहा है तो सीधे तिलक के दु दिन पहिले पहुंचता है और बियाह क के मेहरारु लेके सीधे बम्बई।       आजकल के कनिया लो के का मालूम के सास को तेलो लगाया जाता है, गोड़ मीसा जाता है। पहिले एक महीना ले कनिया को देखने के लिये आँगना में लाइन लगा रहता था। अब उ दिन थोडिये है । कनिया कोई लजातीये नहीं है। बियाह के पहिलही से ऑनलाइन बात करी है , व्हाट्सअप से वीडियो कॉलिंग कर रही है। साँच कहे तो बस बियाह का दिन तारीख ही नया रहता है दूल्हा दुलहिन तो पहिलही पुरान हो जाता है ।    आजकल बियाह केतना महंगा हो गया है। पहिले एकबार जो तिलक के दिन कपड़ा चढ़ता था तो उहे बारात ले चलता था। अब तो तिलक के अलगे, जयमाला के अलगे आ बिदाई के अलगे। पहिले फुआ लो एगो छुछिये से कमे में मान जाती थी लो ,अब तो सोना के सिकड़ी से कम बाते नहीं हो रहा है माटी कोड़ाई में। पाहुन मोटरसाइकिल खाती रुसे हैं आउर मामी नथुनी खाती।     आजकल बियाह लईका लईकी से नहीं पईसा से हो रहा है  बेटहा लो के अकड़ में बेटीहा केतना चक्कर लगाता है उ त मोटरसाइकिल के किलो मीटर से पता चलता है। लईकी वाला खूब दऊरता है आउर लईका वाला खूब दउराता है जब दुनु थाक जाता है तब जाके आज बियाह हो रहा है। लईकी लो के बियाह के फोटो बिटोर बिटोर के लोग एलबम बना रहे हैं। दस गो फोटों लेके दसों में से छांट रहे है कि कवन सबसे बढ़िया है? लोग आजकल लइकी देखने नहीं 2 घण्टा का फिलिम देखने जा रहे हैं सेलेक्ट नहीं रिजेक्ट करने जा रहें हैं लो। पईसा ओईसा त बाद में है पहिले लईकीये बुझने में उझरा जा रहे हैं लो।       आज आप बेटा वाले हैं कल आपहु एगो बेटी के बाप होंगे आपके घर में भी लईकी जन्म लेगी  फिर आप भी अइसही परेशान होखीयेगा  जेतना आज घुमा रहे हैं न ओतने आप घुमियेगा रिश्ता को जोड़िए तोड़िये नहीं। जेतने रिश्ता को पईसा से दूर रखेंगे न रिश्ता ओतने भरपूर होखेगा। शादी बियाह टेंशन नहीं सेलिब्रेशन का चीझ होता है।

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