Monday, 9 April 2018

टूटल दिल -- दुबारा ना जुटेला

कपाड़ फुट जाला
त जुट जाला
हड्डियों टूट जाला
त जुट जाला
बाकी ना जुटेला
एगो दिल के टूटल
आ एगो आँखी से
लोर के फुटल।

टूटल, फुटल, फेर जुटल
प्रकृति के नियम ह
बाकी
कुछ त जरूर बा
जवन एक बार टूट जाये त
दोबारा ना जुड़े
जइसे ना जुड़े कवनो मजदूर के
टूटल पान सौ के नोट
जइसे ना जुड़े दोबारा
सियन के जोड़ल पेवन।

पहिले मतभेद होला
फेर मनभेद होला
आ फेर सीधे दिल में छेद होला
पथर रागड़ाला त आग होला
बात रागड़ाला त घाव होला
आदिमी रागड़ाला त चोट होला
विचार रागड़ाला त मन छोट होला।

कागज के पान्ना फाट जाये
त साटा जाला
घाव कइसनको होखे
एकदिन भरा जाला
बाकी ना भराये
एगो मन के भरम
आ ना सटाये
दोबारा फेर करम
काहे कि इहे ह गीता के गियान
जवना में लिखल बा
करम के अकाट्य सिद्धान्त

- मिथिलेश मैकश
  छपरा

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