# हमार माई का हिअ्
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दुनिया के मिठो से मिठका मिठाई माई हियऽ
सारा दुख दरद के बस एके दवाई माई हियऽ
जदी बाबूजी धूप हवें , त परछाई माई हियऽ
अब आगे का कही , माई त भाई, माई हियऽ
जिनिगी के एगो अच्छा ,एहसास माई हियऽ
घर के अंजोरिया रोशनी ,प्रकाश माई हियऽ
जेकर सीमा नु उ धरती ,आकाश माई हियऽ
जदि बाबूजी देह ,त ओकर साँस माई हियऽ
दुलार के दोकान,खुशी के बाजार माई हियऽ
लरीकाई मे पिअनी,उ अमृत धार माई हियऽ
घर आंगना दुआर के,रूप सिंगार माई हियऽ
जदि बाबूजी देव ,त देवी अवतार माई हियऽ
भोरही निन से जगावे जे ,उ चाय माई हियऽ
कोरा मे खेलावे जस ,छोटकी नाय माई हियऽ
कबो रोइ त चुप कराये के ,उपाय माई हियऽ
जे बाबूजी मरखाह ,त सिधवा गाय माई हियऽ
खाना खइल हो? इ पूछे वाला बस माई हियऽ
मुड़ी से ढ़ील के जे,नोचे वाला बस माई हियऽ
लइका का करता,इ सोचे वाला बस माई हियऽ
लोर जे बहे त,ओके पोछे वाला बस माई हियऽ
#मिथिलेश_मैकश
#लिखी_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी
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