लाख रुपिया पइसा चाहे केतनो धन होखे
मिलऽ ओकरे से जेकरा मिले के मन होखे
खाली मुंह से केहु बोला देबे त ना जाये के
बेकार लागेला जब जा त,केवारी बन होखे
ई रोज - रोज के निमक माँगल ठीक ना ह
अब घरे आपन चूल्हा,आपन बरतन होखे
शांति से नुन तेल खा ल उ अच्छा ह भईया
पेट भर जाये भले तनि चटक कम होखे
मज़ाके मज़ाक मे एहिजा गोली चल जाला
ऊ आदमी से त दुरे रह जेकरा अहम होखे
पीछे त भच -भच सभे करेला आपना घरे
केहु बा जेकरा सोझा कहे मे तनी दम होखे
तु इतिहास उठाके देख ल ,जीतल बा उहे
जेकरा कुछ करे के जुनून पागलपन होखे
चाहे घूम ल देश बिदेश चाहे कतही मैकश
मन त तबे लागे जब पेट मे कुछ अन्न होखे
#मिथिलेश_मैकश
#लिखी_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी
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