Monday, 16 January 2017

भोजपुरी ग़ज़ल - मिलऽ ओकरे से जेकरा मिले के मन होखे

लाख रुपिया पइसा चाहे केतनो धन होखे
मिलऽ ओकरे से जेकरा मिले के मन होखे

खाली मुंह से केहु बोला देबे त ना जाये के
बेकार लागेला जब जा त,केवारी बन होखे

ई रोज - रोज के निमक माँगल ठीक ना ह
अब घरे आपन चूल्हा,आपन बरतन होखे

शांति से नुन तेल खा ल उ अच्छा ह भईया
पेट भर जाये भले तनि चटक कम होखे

मज़ाके मज़ाक मे एहिजा गोली चल जाला
ऊ आदमी से त दुरे रह जेकरा अहम होखे

पीछे त भच -भच सभे करेला आपना घरे
केहु बा जेकरा सोझा कहे मे तनी दम होखे

तु इतिहास उठाके देख ल ,जीतल बा उहे
जेकरा कुछ करे के जुनून पागलपन होखे

चाहे घूम ल देश बिदेश चाहे कतही मैकश
मन त तबे लागे जब पेट मे कुछ अन्न होखे

           #मिथिलेश_मैकश

#लिखी_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी
               #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

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