जे बोल देबे मुँहे पर , उहे मानुस तन अच्छा
एगो कपटी मित्र से तऽ ,दस गो दुश्मन अच्छा
ठीक बा हम तऽ बुरबक बानी,तु हुशियार रहऽ
जवन ना बुझाये ओकर,पूछ लिहल प्रश्न अच्छा
ना सहऽ तार,ना कहऽ तार, बीच मे काहे बारऽ
अइसनका, जिनगी जियला से तऽ मरन अच्छा
आपन स्वारथ ,आपन घर , बस आपने आपन
अरे अइसन राजा भइला से तऽ निरधन अच्छा
जाके शहर मे भुला गइलऽ,कइल प्रणाम पाती
बड़ बुजुर्ग के आसिरबाद से होइ जीवन अच्छा
कुछ तऽ जरूर बात बा, खूबसूरती मे "मैकश"
आजो लोग चेहरा देखे, के देखऽता मन अच्छा
*मिथिलेश_मैकश*
*लिखी_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी*
*रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी*
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