Monday, 30 January 2017

#लइका_तनि_सावर_बा

#लइका_तनि_सावर_बा
______________________

धन जायदाद ,कहत त बानी
बड़ी लमहर बड़ी पावर बा
बाकी लइका तनि सावर बा
बाकी लइका तनि सावर बा

गोर भुइयां ना उतरे रे मरदे
कबो जहाज त कबो गाड़ी में
कइ किता जमीन बा ओकर
शहरिया  आउर   बधारी  में
ओकरा काथी के कमी होइ
जेकरा घरे चार गो टावर बा
बाकी लइका तनि सावर बा
बाकी लइका तनि सावर बा

हम त इहे कहेम बलेशर हो
आरे छेक द हो ई बबुआ के
जेके हेतना भगवान दिहले
ओकरा कमी बा अगुआ के
जा दुआर पर ,देख ओकरा
हाथी घोड़ा मये जनावर बा
बाकी लइका तनि सावर बा
बाकी लइका तनि सावर बा

बाटे डिमांड ओकरा लइकी
पढ़ल  लिखल बेजोर चाही
अब साँवरो लइकन के देख
लइकी  सुनर आ गोर चाही
सुननी  ह ओकरा, रोजे  के
500 रोपिया पर आवर बा
बाकी लइका तनि सावर बा
बाकी लइका तनि सावर बा

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

Wednesday, 25 January 2017

मै चाहता हूँ.......

आज कई सवाल हमारे मन में उठते हैं उन्हीं में से कुछ को ...लिखने की कोशिश किया है

उम्मीद है कि ये सवाल आप तक पहुँच जाएंगे

मै एक देश में सबके लिए एक ही regulation चाहता हूँ
मै जाति नहीं , जरूरत आधारित Reservation चाहता हूँ

यह सही है गाँधीजी के लिए 2 मिनट का मौन रखना
मै भगत,बोस के लिए भी 1 मिनट का मौन चाहता हूँ

केवल चुनावी मंचो पर ही ना कहो "जय जवान"
ये नारा संसद में भी याद दिलाना चाहता हूँ

अब  कोई भी जवान , सवाल खड़ा ना करें खाना पर
अफसर और जवान को एक ही खाना खिलाना चाहता हूँ

अँग्रेज़ तो चले गए लेकिन सिस्टम छोड़ गए
मै उन सिस्टमों को जड़ से मिटाना चाहता हूँ

                      : मनोज कुमार

Sunday, 22 January 2017

साच बात .....तीत लागल बा

भच -भच  बोलता ... पागल बा
लोग के कहे में ...का लागल बा

आदमी  बड़ा  ...जानकार बा ई
असही...थोड़े ई बार पाकल बा

साहेबा तऽ ...घुस  बड़ी मांगता
बुझाता ...पइसा  के जामल बा

पढ़े  के  बेरी...खूब  भंगुआता
लइका ई...रात भर जागल बा

बस , पांच लाख...दहेज लेहम
पांच  लाख ...घुस  लागल  बा

बइठले बइठले ...मुँह  में चाही
खाली...तहरे  मुँह  तातल  बा

हिन्दू-मुस्लिम ...त  जरबे  करी
चुनाव के जे ...आग लागल बा

ई  26 जनवरी...आ गइल का?
फेर...देशभक्ति गीत बाजल बा

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
               #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

Monday, 16 January 2017

Song Title - Jeevan Chalne Ka Naam

बोल - जीवन चलने का नाम
Song Title - Jeevan Chalne Ka Naam Singer - Manna, Mahendra, Shyama, Shor
Movie/Album: शोर

गीतकार : राजकवि इंदरजीत सिंह तुलसी
गायक : महेंद्र कपूर, मन्ना डे, श्यामा चित्तर
संगीतकार : लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल

जीवन चलने का नाम
चलते रहो सुबह-ओ-शाम
के रस्ता कट जाएगा मितरा
के बादल छट जाएगा मितरा
के दुःख से झुकना ना मितरा
के एक पल रुकना ना मितरा
जीवन चलने का नाम...

जो जीवन से हार मानता, उसकी हो गयी छुट्टी
नाक चढ़कर कहे ज़िन्दगी, तेरी मेरी हो गयी कुट्टी
के रूठा यार मना मितरा
के यार को यार बना मितरा
ना खुद से रहो खफा मितरा
खुद ही से बने खुदा मितरा
जीवन चलने का नाम...

उजली-उजली भोर सुनाती, तुतले तुतले बोल
अन्धकार में सूरज बैठा, अपनी गठड़ी खोल
के उससे आँख लड़ा मितरा
समय से हाथ मिला मितरा
के हो जा किरण-किरण मितरा
के चलता रहे चलन मितरा
जीवन चलने का नाम...

के चली शाम के रंग महल में, तपती हुई दुपहरी
मिली गगन से साँझ की लाली, लेकर रूप सुनहरी
के रात बिखर जायेगी मितरा
के बात निखर जायेगी मितरा
के सूरज चढ़ जाएगा मितरा
काफिला बढ़ जाएगा मितरा
जीवन चलने का नाम...

हिम्मत अपना दीन धरम है, हिम्मत है ईमान
हिम्मत अल्लाह, हिम्मत वाहगुरू, हिम्मत है भगवान
के इसपे मरता जा मितरा
के सजदा करता जा मितरा
के शीश झुकाता चल मितरा
के जग पर छाता जा मितरा
जीवन चलने का नाम...

छोटा सा इक दीपक है और टीम टीम करती ज्योति
हीरे जैसी आँख से इसके टूट रहे हैं मोती
के नन्हें हाथ जुड़े मितरा, ना इसका बात मुड़े मितरा
अगर ये खो जाएगा मितरा, तो झूठा हो जाएगा मितरा
जीवन चलने का नाम...

इक दुआ बस तुझसे माँगूँ, मैं आज बिछा कर पल्ला
मेरे यार की रक्षा करना, कदम-कदम पर अल्लाह
के लब पर यही दुआ मितरा
के बिगड़ी बात बना मितरा
के बेड़ा पार लगा मितरा
तुझे तब कहूँ खुदा मितरा
तुझे तब कहें खुदा मितरा
जीवन चलने का नाम...

डाईटिंग एतनो ना कर की,देह गतान हो जाये

खाना एतना मत खा की,पेट परेशान हो जाये
डाईटिंग एतनो ना कर की,देह गतान हो जाये

मेकप सिंगार पटार सब ,अपना जगहा प बा
एतनो मत कर की ,मुँह बानर समान हो जाये

दाँत  चिआरला  के मतलब , इ ना भइल की
आपन गइल त , दोसरो के नुकसान हो जाये

मनुस जनम लेला के,का मतलब भइल?जब
तहरा चलते , दस गो  लोग परेशान हो जाये

जब समय मिले नु , कुछ बढ़िया कइल करऽ
कहीं एने ओने मे,जवानी ना जीयान हो जाये

गांव के मान राखल कर मैकश,अब अइसन
डोमकच मत करऽ की , लोग हैरान हो जाये
       
            #मिथिलेश_मैकश

     #लिखी_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी
               #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

जाड़ा आउरी आदमी

सर्दी मे लोगन के असकतीआइल देखऽ
दस दस दिन पर एकबेर नहाइल देखऽ
भउक जईसन चेहरा भकुआइल देखऽ
सुखल मुह आ चेहरा करीआइल देखऽ

दिनभर चुनचुनी देह के हबुआईल देखऽ
अंगूरी से कान से खूब खोदिआइल देखऽ
रजाई मे लुका लुका के गुटिआइल देखऽ
फाटल ओठ दुनो एड़ी चरचराइल देखऽ

छोटका लरीकवा के हई बउराइल देखऽ
ठंडा पानी देख माई माई चिलाइल देखऽ
बूढ़ पुरनिया के पानी मे अगराईल देख ऽ
हई गंगा जी मे कूद कूद नहाइल देख ऽ

गंगा जी मेहरारू लोगन के जाइल देखऽ
गंग नहान मे रोज किनारे आइल देखऽ
एह ठंडी मे आस्था के अगराइल देखऽ
होने देहचोरन के पानी से घबराईल देखऽ

खाली घर मे बइठ बइठ के खाइल देखऽ
हर काम मे दु दु घंटा पिछुआइल देख ऽ
पररू बैल नियन बइठ के बउराइल देखऽ
भीझल तोशक बोझा जस बन्हाइल देखऽ

आलू ,कोबी , टमाटर के बेचाइल देखऽ
आग के लिट्टी प घिव के घोसाइल देखऽ
इनर,सुटर आ गरम चीज बेचाइल देखऽ
हई सर्दी के मौसम के चहचहाइल देख ऽ

     #मिथिलेश_मैकश

        #लिखी_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी
                    #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

हमार माई का हिअ्

# हमार माई का हिअ्
  _______

दुनिया के मिठो से मिठका मिठाई माई हियऽ
सारा दुख दरद के बस एके दवाई माई हियऽ
जदी बाबूजी धूप हवें , त  परछाई माई हियऽ
अब आगे का कही , माई त भाई,  माई हियऽ

जिनिगी के एगो अच्छा ,एहसास माई हियऽ
घर के अंजोरिया रोशनी ,प्रकाश माई हियऽ
जेकर सीमा नु उ धरती ,आकाश माई हियऽ
जदि बाबूजी देह ,त ओकर साँस माई हियऽ

दुलार के दोकान,खुशी के बाजार माई हियऽ
लरीकाई मे पिअनी,उ अमृत धार माई हियऽ
घर आंगना दुआर के,रूप सिंगार माई हियऽ
जदि बाबूजी देव ,त देवी अवतार माई हियऽ

भोरही निन से जगावे जे ,उ चाय माई हियऽ
कोरा मे खेलावे जस ,छोटकी नाय माई हियऽ
कबो रोइ त चुप कराये के ,उपाय माई हियऽ
जे बाबूजी मरखाह ,त सिधवा गाय माई हियऽ

खाना खइल हो? इ पूछे वाला बस माई हियऽ
मुड़ी से ढ़ील के जे,नोचे वाला बस माई हियऽ
लइका का करता,इ सोचे वाला बस माई हियऽ
लोर जे बहे त,ओके पोछे वाला बस माई हियऽ

         #मिथिलेश_मैकश

     #लिखी_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी
                   #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

भोजपुरी ग़ज़ल - मिलऽ ओकरे से जेकरा मिले के मन होखे

लाख रुपिया पइसा चाहे केतनो धन होखे
मिलऽ ओकरे से जेकरा मिले के मन होखे

खाली मुंह से केहु बोला देबे त ना जाये के
बेकार लागेला जब जा त,केवारी बन होखे

ई रोज - रोज के निमक माँगल ठीक ना ह
अब घरे आपन चूल्हा,आपन बरतन होखे

शांति से नुन तेल खा ल उ अच्छा ह भईया
पेट भर जाये भले तनि चटक कम होखे

मज़ाके मज़ाक मे एहिजा गोली चल जाला
ऊ आदमी से त दुरे रह जेकरा अहम होखे

पीछे त भच -भच सभे करेला आपना घरे
केहु बा जेकरा सोझा कहे मे तनी दम होखे

तु इतिहास उठाके देख ल ,जीतल बा उहे
जेकरा कुछ करे के जुनून पागलपन होखे

चाहे घूम ल देश बिदेश चाहे कतही मैकश
मन त तबे लागे जब पेट मे कुछ अन्न होखे

           #मिथिलेश_मैकश

#लिखी_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी
               #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

चले के गुड्डी उड़ावे !!

चले के गुड्डी उड़ावे !!
          ______________________

"खिचड़ी कहिया बा ? "
छठ के बिहाने भईले , मलुआ से  राजवा पुछलस।मलुआ कहलस की "परसाल के नियन लागत बा की अबकियो खीचड़ी दु दिन मनि, 14 जनवरी आ 15 जनवरी। चल जेतने लेट होइ ओतने मजा आई। बसिअउरा उड़ावे के एक दिन आउर टाइम मिली।
                          राजवा के घर ,हमरा घर से बगले मे पड़ी।लइका बड़ी गुड्डी उड़ावे के शोखीन ह ,आ गुड्डी के नस नस बड़ी बारीकी से जानेला। एगो आउर लइका बा ,जवना के नाम राजेश ह ,बाकी दुलार से सभे "दहिया" कहेला ओकरा के। इ दुनु लइकन के, गुड्डी उड़ावे मे जवाब नइखे।
                             हमरा याद बा की आज के पतंगबाजी ,आ पहिले के पतंगबाजी मे बड़ी अंतर हो गइल बा। पहिले हमनी के गुड्डी उड़ावे मे जादा खरचा ना रहे ..मिला जुला के 10 रुपया मे सभ काम हो जात रहे ।
         ₹ 5.00 रुपया  मे एगो मजदूर छाप के तागा के पैकेट ,जवना के हमनी के #बेलचा कहत रही स।
         ₹ 2.00 रुपया  मे ,एक रुपया के सबुरदाना आ एक रुपया के अररोट, टुन्नू भइया के दोकान से।
        ₹ 0.50 पैसा (अट्ठनी)×3=1.50 रुपया , के हिसाब से 3 गो छोटकी गुड्डी ,अब्दुल अंसारी के ।
               बचल ₹1.50 रुपया के 2 गो बड़की तिलंगी जवना के हमनी के #पंडारा कहत रही सन, उहो अब्दुल अंसारी के ।
                 कुल मिला के ,₹10 दस रुपया के सामान खरीदे के पड़त रहे।अब मांझा बनावे खाती, बाकी सामान जोगार कर ली सन। जइसे अररोट,सबुरदाना त किना के आइये गइल,अब बाकी सामान जइसे...एगो चूल्हा के जरूरत पड़े काहे से की घर के लोग चूल्हा पे इ सब बनावे ना देबे त...3 गो इटा के जोगार करी सन आ तीनो इटो के सटा के चूल्हा जइसन बना ली सन। अब चुकी घर के लोग एतना दानी ना रहे की चलs लइकावा के एगो बर्तन देदि की ओहमे मांझा बना लेबे...त आदमी का करे की कहीं से पिपर गाछि प के टाँगल मेटा उठा लि सन ,आ चाहे कहीं खाली पेंट के डिब्बा मिल जाये त ओकरे के उठा ली सन ,, ना त अंतिम मे काली माई के मन्दिर से चढ़ावल कराह उठा ली स..कह के की हे ! भगवान गलती सलती माफ करीहs ,आ जवने मिलल बर्तन ओकरे के आंच प चढ़ा दि सन। अब जरावन कहाँ से आवे त बड़ी सिम्पल रहे ...त एने ओने जहें टुटल प्लास्टिक के चप्पल मिल जाये ,ओकरे के आपन LPG समझ के आगि जोड़ दी स। 3-4 गो चप्पल मे त ,आराम से मांझा बन जात रहे।
अब एने मांझा बनावे के तैयारी चलत बा ..लेप गाढ़ा होता ..
                 आ दु जाना भाई लोग शीशा खोजे गइल बारन लो...ओह घरी गलती से कहीं ललटेन के शीशा मिल जाये त ,ओईसे खुशी मिले जइसे आज के समय मे ,कहीं कैश के साथ खाली ATM मिल जाये। शीशा के कई तरह के क्वालिटी होला ...ललटेन के पिसला प मोट होला आ टाइम लागेला...मरकरी आ बोवल मिल जाये त तनि कम समय लागेला आ महींन भी होला पिसला मे। सबसे बेसी खोज होत रहे गाय के मारे वाला सुई के ,जवना के सन्तोष भइया अपना बिशुखल गाय के सुई मारत रलन दूध बेसी करे खाती। त बड़ी निहोरा करी सन की ," ए सन्तोष भइया सुईया मार के नु ,शिशिया हइ छजिया के ऊपर रख दिहा...बहरी मत फेखिह हमनि के बिन लेम सन।"
     अइसे-अइसे करके ,हमनी के शीशा जोगार करत रही सन।अब शीशा के जोगार हो गइल त  ओकरा के पिसे खाती सिलवट काहां से आये, त कही इनार के पाका देख के चाहे , आपन छत के ऊपर, माइ से लुका के घर से, लोढ़ा लिया के ,घर से चुपे चोरी पिस के ,पानी से लोढ़ा धो के ,आराम से फेर घर पे रख के, टप से बहरी भाग जाइ स ,जाहां मांझा तैयार होता भा लेप बनत बा।
                       शीशा के महीन पिस के आ बाबा के सुति के धोती के फार के ,ओहिमे 4 -5 बार झाड़ लिहि सन ,की जवना से शीशा एकदम आटा नियन मोलायम हो जात रहे । अब ओने लेप गाढ़ा होता , लेप मे सबुरदाना ,अररोट,शीशा के अलावा तनि उसिनल चाउर, तनि चुड़ा, तनि बबुर के लासा भी डाल देत रही सन की ,लेप खूब गाढ़ा बने आ शीशा के सटवले रहे। मोहन के जादू रंग के दुगो रंग के पुड़िया खरीद लिहि सन..काहे से की अलग अलग रंग मे लटाइ बड़ा अच्छा लागेला। ललका रंग के काम त घर के अलता से हो जात रहे।
                अब जइसही लेप बनल की पांच को जन जुट जइहे...ओमे 3 जाना पइसा फेटले बारे आ 2 जाना मंगनी के जोगार के फेरा मे लागल बारे...उ कइसे कहिहैं,"ए भाई हमार एकहि छोटका टोटा बा , तनि मुनि तागा बा उ त जवन लेदी बची नु हमार ओकरे से काम हो जाई"। #लेदी, लाटाइ प मांझा चाढ़ावत बेरी जवन तागा मे चुके ,आ हाथ मे से भुइयां गिर जाला ,ओकरे के कहल जाला,रसायन शास्त्र के भाषा मे एकरा के #गैंग भा #धातुमल कहल जाला।
                       अब ओहिमे जे तनी दिमाग वाला होलन, उ कहे लन की ए मरदे ललका आ पियरका रंग के मिला देला प ,कवन रंग होई..एगो काम करे के, दुनु रंग के मिला के लेप बनावा....दुनु रंग मिला देहल जाला..आ जब रंग बैंगनी आ करिया हो जाला त लेपी के..बाहुबली के खोजाहट होखे लागेला...लेपल बहुत भारी काम नइखे... बाकी अगिला दिन जब स्कूल मे माट साहेब ,लाल रंग मे रंगल हाथ देखिहे ,त उनकर आँख लाल हो जाला...आ मांझा के साथ साथ ,बबुआ के गाल भी लाल हो जाला....ओरहन त अलगे बा....आ बाऊजी के  सखुआ के छड़ी अलगे बा।
                            सभ कुछ भइला के बाद आदमी चल देबे अब ,दियर मे नदी किनारे तागा सुखावे ....इहे एगो जगह रहे जाहां कवनो गुड्डी ना काटे ,आ नियम रहे की खेत मे केहु .....केहु के गुड्डी ना काटि...दूध भात रही सभके।

                    सच मे बड़ी याद आवेला हमनी के गुड्डी के दिन ...जब भइया गुड्डी लूट के लियावस आ हम धीरे से उड़ा उड़ा के कट जाइ। दिनभर आसमान मे ऊपर ताकत ताकत, मुहं बानर नियन करिया हो जाये ।माई खाएक लेके खोजत रहे ,आ हमनी के बिना खइले पियले कबो इ छत ..त कबो उ छत फानत रही सन।बड़ी याद आवेला गौरी चा के,अजय भइया "मुखिया" के ,जिनका डर से हमनी के ,गुड्डी ना उड़ावि सन ,काहे कि जब इ गुड्डी उड़ावत रहस लो ,त बस इनका सोझा जे भी आये ,एके हालि मे गुड्डी बाकाटा हो जाये। #बाकाटा_है एगो के जीत के पर्याय ह..जइसे #आर्कमिडीज_के_यूरेका_यूरेका फेमस ह , अंग्रेजी मे #bravo_bravo लोग कहेला ओसही बाकाटा है...गुड्डी के काट के फतेह हासिल करे के शब्द ह।

      गुड्डी के कई प्रकार रही सन। जइसे- #तिर_गुड्डी, मतलब अगर गुड्डी के रउवा जवना तरीका से जवना दिशा मे अगर अपना मन से घुमा लेम त उ गुड्डी के #तिर कहल जाला। लोग तिर गुड्डी  के पहचाने खाती गुड्डी के बीचो बीच बड़ी, प्यार से हाथ फेरेला ,जैसे कवनो कबूतर पे हाथ फेरल जाला..अगर गुड्डी दुनु साइड बराबर मात्रा मे दबि ,त ओकर मतलब होला की गुड्डी तिर बिया ,मनगर बिया, चोख बिया। केतना लोग पीछे पाख देख के भी ,बता देबेला की गुड्डी तिर बिया की ....चोर बिया।
        #चोर_गुड्डी, तिर के उल्टा होले। इ अपना मन के होले आ उड़ावे आला के दिमाग खराब कर देबेले। लोग चोर गुड्डी के ,छोट लइका के देबेला की ले बउआ उड़ाव गुड्डी।
         #लटखाह_गुड्डी, इ गुड्डी आसमान मे अपने मने कबो गोल गोल घुमे लागि ,त कबो हेने भागी त कबो होने भागी। त कबो सुखोई के जइसन सीधे नीचे पलटी मारी आ जाके कवनो के एंटीना मे फस जाई। एंटीना मे फसते ओ एंटीना आला के खुसी के सीमा ना होला...उ एतना खुश हो जाला जइसे अक्टूबर 16 मे, जिओ के सिम मिलला के खुशी रहे । अब एंटीना आला पीछे तकबे ना करी ,आ गुड्डी के तागा से कनेक्शन टूटे के इंतज़ार करि ...की जइसे टूटे हम गुड्डी उतारी।
        गुड्डी लूटे खाती एगो देशी यन्त्र बा अपना साइड जवना के लोग #लग्गी कहेला। सेल्फ़ी स्टिक के बड़ भाई ह। अगर गुड्डी कट के नीचे गीरत बिया आ लग्गी आला लग्गी छुआ के #लूटा_है बोल देबे त ...गुड्डी प ओकर सांविधानिक हक हो जाला।
         गुड्डी के बारे मे लिखल जाव त शब्द कम पड़ी हमरा खाती...बाकी एतने कहेम की आज के जवन पतंगबाजी होता ...बिल्कुल बदल गइल बा। सभ कुछ चाइनीज हो गइल बा। लटाइ तागा से लेके ...गुड्डी तक सभ प्लास्टिक आ सभ के सभ महंगा। बढ़िया से उड़ावे मे 500 रुपया लाग जाइ आज के समय मे। सभ रेडीमेड बा..सब बनावटी ।ओहमे खुसी ओतना नइखे जवन खुशी ,अपना हाथ से बनावे मे रहे।
                     लोगन के हाथ त हाथ, गर्दन कट जाता चाइनीज तागा से। कवनो चिरइ मर जात बारी स ,चाइनीज तागा से कट के। छोट लइका तागा खिचे के चक्कर मे ,हाथ छिल लेत बारन स। बहुत बहुत तरह के उल्टा समाचार सुने के मिलेला ।
                रावा लोगन से निहोरा बा की अच्छा से पतंगबाजी करी,गुड्डी उड़ाई,तिलंगी उड़ाई। खूब दही चुड़ा खाई । कवनो तरह के हताहत के सूचना ना हो। खिचड़ी मंगलमय हो। बाकी जय हो।

    #मिथिलेश_मैकश

   #लिखी_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी
               #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

|| भोजपुरी के जयकार लिखऽ ||

|| भोजपुरी के जयकार लिखऽ ||

जदि महीना मे ना होखे तऽ
                    हफ्ता  मे   एक  बार  लिखऽ
आ  खूब लिखऽ ए भईया
                    भोजपुरी के जयकार लिखऽ।

"आखर","हेल्लो भोजपुरी" भा   
                      मये साहित्य किताब देखऽ
"खबर भोजपुरी" के साथे साथ
                      अब "ललका गुलाब" देखऽ
आपन माई भाखा खाती
                       आपन सनेह दुलार लिखऽ
आ खूब लिखऽ ए भईया
                    भोजपुरी के जयकार लिखऽ।

दु लोग के ना बुझाए त
                      चार लोग के बुझात त बा
एही बहाने कम से कम
                      कुछ ना कुछ लिखात त बा
बिदेशिया के कहानी भा
                        पूरबी धुन के झंकार लिखऽ
आ खूब लिखऽ ए भईया
                    भोजपुरी के जयकार लिखऽ।

लोग लिखत नईखे ऐसे की
                        बे मरदे ! ई लोग का कही?
अरे मरदे अब तु ना लिखबऽ
                         त घर के लोग का कही ?
जोगीरा फगुआ गावऽ बबुआ            
                         चइता   के   बहार लिखऽ
आ खूब लिखऽ ए भईया
                    भोजपुरी के जयकार लिखऽ।

  #मिथिलेश_मैकश

#लिखी_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी
               #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

चिरगना_के_अगुआ_आइल_बारन_लो

#चिरगना_के_अगुआ_आइल_बारन_लो
_______________________________

अपना कावर मोटा मोटी 14 दिसम्बर से 14 जनवरी तक #खरवास मानल जाला , आ ओह समय मे  शादी बियाह से लेके कवनो शुभ काम ना कइल जाला ,काहे से की खरवास के लोग अशुभ मानेला ...माने दही चुड़ा आ सकरात के बादे से कवनो शुभ काम कइल जाला नाया साल मे...
                           बाकी एह घरी समय के व्यस्तता मे एतना मन से अब केहु पहिले लेखा मानत नइखे ...2 जनवरी 17  के एहु घरी अगुआ लोग,चिरगना के घर दुवारे पहुच जाता आ माटी कोड़े लागत बा...कहात बा की अभी शादी बियाह ना होइ काहे से की खरवास चलत बा त कहत बारन लो की अभी #लगनी_खरवास चलत बा....एह समय लोग देखा देखी कर सकत बा..लेन देन कुछु ना होइ ,खाली बात बिचार होइ..
                               अब चिरगना के दुवार प 10 गो कुर्सी लागल बा। लोग गोले गोले गोलिया के बइठल बा...केहु बीड़ी पियत बा त केहु खैनी मलत बा..ओहमे एगो नवका लइका आइल बा फूल HD मोबाइल लेके त सट सट मार सेल्फ़ी खिचत बा...त कबो ऑनलाइन वीडियो कॉलिंग करत बा ...सभ लोगन के ध्यान मोबाइल पे टिकल बा...ओहिमे एगो बुढ़ काका बारे उ मोबाइल  देख के चिहाइल बारन आ पूछत बारन की " आ रे !! हइ ना देखs एमे त आदमी लउकता रे? बोलतो बा!! टुकुर टुकुर ताकत बा? कईसे होता रे?
"ए बाबा एकरा मे व्हाट्सएप्प से बात होता..बइठल बइठल केहु से बात कर लेबs लागि की आदमी सोझा बइठल बा"।
    "पइसा ना लागि रे? बड़ी महंगा होइ रे फेर त?, बाबा पुछले,
"ना बाबा एमे जिओ के सीम लागल बा 3 महीना ले फिरी बा!!"
तनि हेने ताकs त ,देखs हेदे  तहरो फोटो लउकत बा ..तनि हस s त ,मार दिहि एगो तहरो फोटो कच से।
                           इहे बिचे तरह तरह के बात चित भी चलत बा। #नोट_बन्दी पे एक जाना बड़ा बढ़िया से समझावत बारन ।लोगन के बतकही से लागत बा की मए प्रतियोगिता दर्पण के सम्पादक लो एहिजे बइठल बा। उनका लोगन के बिशलेशन के आगे आर्नब गोस्वामी भा सुधीर चौधरी भी फेल बारे।
ओहिमे एकजाना काका पुछले की" आरे ई मोदिया नोट काहे बन कइलस रे! आंय!! कहता लो की मोदिया काला धन लिआइ देश मे?"
"आरे जनलs काका , मये अमीर लोग पईसा गोजिया गोजिया के झापि मे ,त बोरा मे कस कस के रखले रहल हा,अब जब नोट बदल दि त पइसा त कागज नियन हो जाइ। एहिसे मोदिया नोट बन कइले बा। अब जे अढ़ाई लाख से जादा जामा करी ओकरा के पुलिस पकड़ लिहे स।"
"आ इ केजरीवालवा कइसन नेता ह रे? सार खाली मोदिया के पीछे पड़ल बा!!" बाबा पुछले
           अब ओहि मे एकजाना भगत रहले उनका से बरदास ना भइल आ कहले "आरे छोड़s मरदे नेता पॉलिटिक्स" , लइका के बोलावल जाव ,आ जल्दी से देख के आपन दोसर काम कइल जाव.."
            ऐने चिरगना के खुशी के मारे रहात नइखे, मार साबुन मुँह मे पोतत बा आ पाउडर पाउडर प घोसले बा। फेरा लभली के #अनबिटेबल_टेस्ट आज कइए के मानी!!!
शीशा के सामने चार खल के मुहं बनाके खूब निरेखत बा...2 गो नाया टिसट किनले बा त ओहिमे हेराइल बा की कवन पेंही..ललका की करीयाका?
             एने ओकर माई 2 मिनट खाती बोलवलि ,आ कहलि की देख, केहु बाबूजी के नाम पुछि ,त नाम के पहिले श्री लगा के बोलिहे..एगो दुगो लोग होइ त गोर छुके प्रणाम कर लिहे ,आ ढ़ेर लोग होइ त समहरे हाथ जोड़ के प्रणाम कर लिहे...आ हइ सीकरी के गर्दन से निकाल के लुका दे, तबे नु चानि के सीकरी माँगल जाई। अब जो !!आराम से गते गते।
              जइसे आजकल लोग ATM मे पईसा खाती ताकत बा ओसहि लोग लइका के राह ताकत रहल ह। एहि बीचे लइका दुआर पे गइले आ इंटरभीउ अब चालू हो गइल।
          "प्रणाम "
       "खुश रहs। बइठs बाबू"
   "का नाम पड़ी आपन?
  "चिरागन जादो"
  "आ बाबूजी के का नाम पड़ी ?
    "श्री मंगरु जादो"
   "ममहर कहाँ पड़ी "?
     "नेकनाम टोला"
   "नाना के नाम का पड़ी ?
   "बलेशर जादो"
  "कव भाई आ कव बहिन हव?
  "3 भाई 1 बहिन"
   "का करेलs??
    "दिल्ली मे जूता कम्पनी मे काम करीला
    "काहा ले पढ़ाई भइल बा?
  "9वां मे रहनी तबे बाहर चल गइनि"
   "खा पिके केतना बच जाला ?
   "कपड़ा फिच फाच के 4,500बच जाला"
    "कवनो नाशा भी चलेला?
   तले एहि बिचे मंगरु जादो टोकले की "का महाराज हमार लइका त चाय तक ना पिये सिगरेट दारू त बड़ी दूर के बात बा।"
   
           एहि बीच एक जाना कहले की "ए बबुआ ,तनि सीधा खारा होजा आ तनि हउ कलवा त से घूम के आवs"...अब इ लोग लड़िका के अइसे देखs ता जईसे घेघटा मेला आ सुरुठ बाबा के मेला मे लोग बैल चला के देखेला!! लड़िका तनि मने मने फफनाता बाकी कुछ बोलत नइखे । चुप बा। गम्भीर बा।
          बात बिचार भईल की अब लइका के भेज दिहल जाव। लइका त पसन बा बाकी अब खरवास मे त लेन देन ना कइल जाला आ दोसरे मोदिया नोट बन क देले बा। तब फेर खिचड़ी के बाद आवत बानि स। प्रणाम!!
       एने लइका घर मे गरमाइल बा आ माइ से शिकायत करत बा की "ए माई" अगुआवा बउराह बारन स का? हमरा के बैल नियन चला चला देखत रलs सन। लम्बाई नापत बारs सन। हमार दिमाग खराब हो गइल ह की का कही?
    "चल छोड़ इ सब त आजकल चलते बा ", पीछे से मुकेश समझावत बारन आपन दोस्त चिरागन के....
लोग लइका आ लइकी दुनु के मोबाइल नियन चेक करत बा लो,, की का का बा ?? ब्लूटूथ बा की ना? केतना GB रैम बा? का फीचर बा आदि आदि।
     शादी बियाह अब पहिले लेखा ना रह गइल..शादी कम ड्रामा जादा होता। ले हइ 3 गो रसगुल्ला बचल बा ..जल्दी से खो आ खाके चल चलेके बहरी घुमे....
      #मिथिलेश_मैकश
  
#लिखी_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी
               #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी