#आदमी_अझुराइल_जाता
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रोपिया पइसा धन पीछे
पागल पगलेट मन पीछे
बेसबुर अकुताइल जाता
आदमी अझुराइल जाता
भोरे एक समे से जागता
साँझ ले आदिमि भागता
माया में लेपटाइल जाता
आदमी अझुराइल जाता
हित - नाता जरता लोग
जीये खाती मरता लोग
हुके डाहे ओराइल जाता
आदमी अझुराइल जाता
खाये भर कमाए के बाटे
छुछे हाथे जाये के बाटे
तबो मार धधाइल जाता
आदमी अझुराइल जाता
दुनिया जहान भरम बाटे
हाथ में खाली करम बाटे
भोरे भोरे बउराइल जाता
आदमी अझुराइल जाता
© मिथिलेश मैकश
छपरा
लिखीं भोजपुरी पढ़ीं भोजपुरी
रउवा बढ़ब बढ़ी भोजपुरी
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