विद्या के देबी तुहीं ,कलम के शान हो
लिखलु बिधान तुहीं, वेदवा पुराण हो
हां ~~~...रखिहs दुलार आशीष....
ए माई चरण पुजेले तोहार आशीष....
आकाश से सातों रंग, रुपवा निहारे
आइके बसंत राउर , चरण पखारे
चारों दिसा होखता , रउये जयगान हो
धरती आकाश गुण ,गाव तारे चान हो
हां ~~~...असरे में खाड़ आशीष....
ए माई चरण पुजेले तोहार आशीष....
किरिपा से तहरे तुलसी भइले हो ज्ञानी
रखिह तु पानी हमार शारदा भवानी
कंठवा में बसी जा तु ,बनिके आवाज हो
गावे नाही आवे माई , सुर नाही साज हो
हां ~~~...निपट गंवार आशीष....
ए माई चरण पुजेले तोहार आशीष....
लइका नादान कुछउ , सिखहु ना आवे
मैकश का लिखे ओके,लिखहु ना आवे
जवने बुझाये तवन कह तानी भाव हो
आदिमी बना द माई होई जाये नाव हो
हां ~~~... करे जयकार आशीष....
ए माई चरण पुजेले तोहार आशीष....
गीत :मिथिलेश मैकश
स्वर : आशीष दुबे
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