जिनगी इहे ह
जइसे घिव जम जाला
त ककरावल जाला
आगी प
जइसे नरियर के तेल जम जाला
त ककरावल जाला
घाम मे
जइसे गोइठा के जर जइला प
बाच जाला राख
जइसे रोटी बनवला के बाद
बाच जाला परथन ।
जिनगी इहे ह
जइसे ठंडी में
ओठ चरा जाला
जइसे एड़ी में
बेआए फाट जाला
तसली में जइसे
दाल सिझ जाला
काड़ा में से जइसे
निकलेला लुती
एक महीना बाद
जइसे जुवा जाला नेनुआ।
जिनगी इहे ह
जइसे छोड़ देला
कवनो कपड़ा के सियन
पेवन जोड़ के जइसे
सीया जाला लेवा
जइसे फेका जाला
कवनो कपड़ा के कतरन
जइसे दाँत के बिचे
पिसाला दतुअन
फेर जिभीया के फेंका जाला
अनेरिया नियन घुरा प।
जिनगी इहे ह
दोसरा के अंगना
दोसरा के सिकाइत
दोसरा के बात
दोसरा के गलती
आपन बड़ाई
आपन चपलुसी
दोसरा से देखजरई
दोसरा के देखा देखी।
जिनगी इहे ह
हरमेसा हरबड़इ
बउराह मन
पइसा के निसा
बिलार सियार के गुण
आदमी के भेस
मन में राकस
दिमाग में कुछु ना
खाली फालतू के चिझ।
जिनगी इहे ह
रोजे भोर , रोजे राति
रोजे एगो चिझु के कमी
रोजे एगो जिनिस के खोजाहट
बे खदि मदी के डहकल
छितरा जाला जइसे
फाट जाला पाएट के बगली
पेरा जाला दुख में
जइसे गोता जाला सरफ में कपड़ा।
जिनगी इहे ह
चल जाला एकदिन अइसही आदमी
रह जाला कपड़ा लाता
चपल जूता
चार पाँच गो फोटो
आ एगो सुई वाली घड़ी
पइसा बाँटा जाला
जइसे बाँटा जाला कवनो रिश्ता
नाम ओरा जाला
जइसे ओरा जाला गेंहू डेहरी के।
जिनगी इहे ह
आज ले केहुके ना बुझाइल
जइसे पानी के रंग ना बुझाला
कुंहां में जइसे
बगले के चिझ ना लउके
जइसे इयाद ना रहे सपना
भोर पड़ जाले जइसे माई बाबू
एकक दिन करते करते
काट देला साठ सतर बरिस
जइसे जिनगी जिनगी ना
कवनो मजूबरी हो गइल बिया
जिनगी इहे ह
- मिथिलेश मैकश
छपरा
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