अगर वीरान होगी धरा तो सींच कर मधुवन करेगा कौन ? बेटी न रहेगी तो फिर जग का सृजन करेगा कौन ?
उड़इहैं जहाज बेटी , नाम करीहें देश के बेटी के कम ना बुझी काम करीहें देश के
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