*गइलो से गइल बुरा हाल बा भोजपुरी के*
________________________
कइसे चुप रही, ई सवाल बा भोजपुरी के
गइलो से गइल बुरा हाल बा भोजपुरी के
कहीं समियाना त ओठलाली, बोरता बेयास लो
अश्लील त अश्लील ,देवतो ना छोड़ता बेयास लो
लाजो ना लागे कवन मुँह ,देखावता बेयास लो
गीत माई बहिन के अइसन ,गावता बेयास लो
इज्जत सम्मान ना खियाल बा भोजपुरी के
गइलो से गइल बुरा हाल बा भोजपुरी के
मुड़ी गाड़ के चलता ,आ मुड़ी गाड़ के रहता लो
मुड़ी गाड़ के सुनता पर ,केहु कुछ ना कहता लो
केकरा के समझावत फिरी,मार हो हल्ला मचल बा
बजाव लो जवन मन करे,अब इहे दिन नु बचल बा
नेता अभिनेता सब दलाल बा भोजपुरी के
गइलो से गइल बुरा हाल बा भोजपुरी के
कुछ लो के चक्कर में ,मये जनता लाचार बिया
शासन प्रशासन ठंड ,आ ठंड भी सरकार बिया
आग ध लेता देह भीतरी, साँचो बड़ा खलता
मना कइला पे जब लोग, कहता इहे चलता
कमाता ,इंडस्ट्री मालामाल बा भोजपुरी के
गइलो से गइल बुरा हाल बा भोजपुरी के
- मिथिलेश मैकश
छपरा
No comments:
Post a Comment