Friday, 8 September 2017

चार_जोड़ी_पूरी_आ_पोलाव_हलकाहे

#चार_जोड़ी_पूरी_आ_पोलाव_हलकाहे
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एकइस नवंबर ,दु हजार सोरह ,दिन रहे सोमार
पहुच गइले बाराती ,भाई हमार "मुन्ना कुमार"
नास्ता बटाता जेने , धेयान ओने खिचाइल बा
दु - दु बेर मांगला प , बाटे आला चिहाइल बा

पूछे लागल लोग की,कहाँ घर का तहार नाम बा?
बोलऽ खाली नस्ते से ,का पेट भरे के पलान बा?
दम तनि धरऽ भाई ,आउर पानियो तनि पिअऽ
पहिले एगो साधा ल मरदे ,त दोबारा फेर लिहऽ

अब रहाइल ना मुन्ना के , जाग गईल  जज्बात
कहले की ए भाई!,आज का तु कह देलऽ बात
एतना खाये पिये के त , आदत हमार डेली बा
आरे सब पच जाइ हो,परसो आर्मी के रैली बा

खाली देह पे मत जा , इंजन बारा बरियार बा
मये टोला जवार मे , एक पिस नाम हमार बा
बुनिया बाल्टी सोझा रखऽ, रसगुला रस गिरावऽ
आउर कवनो आइटम होखे ,त जा लेके आवऽ

कहिये  से  सुखाइल  बानि , सरजू नदी जइसे
खाइल ना जाइ त ,पेट्रोल के दाम सधी कईसे?
ढेर भइल मीठा मीठा,चटनी तनि चटावल जाव
कोट जले खोलऽतानी,आउर कुछ लिआवल जाव

तनि पि लेबे द पानी ,जगह पेट मे बनावल जाव
तनि आगे घुसुक भइयवा ,पैर के फैलावल जाव
भाई हव मरदे तनि हमरो से,मिल लिहऽ अंतिम मे
सभ कुछ खिआ के,तनि दही पिआ दिहऽ अंतिम मे

आरे जीयान ना होइ मरदे , गभुआ तारऽ काहे
अबे  बस कुछे देर मे , तहरा  लाग  जाई  थाहे
मये मेटेरियल डालत रहऽ , लाहे लाहे हुमचाहे
चार   जोड़ी    पूरी    आ    पोलाव    हलकाहे

#मिथिलेश_मैकश

#लिखी_भोजपुरी_पढ़ी_भोजपुरी
               #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

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