#अंदर_आना_मना_है
#सौ_रुपिया_जुर्माना_है
इ शायरी के पढ़ला धीरे धीरे लागता कि एक दशक होइए गइल होइ। आज के समे मार्केट से गायब बा। हमरा याद बा अबहूँ कि कइसे कवना भाव आ दिल लगा के सुती भा दुसुती के #पर्दा प जनाना लो आपन मन के बात शायरी के माध्यम से कहत रही लो।
#स्वागतम् ,
#आइये_आपका_इंतज़ार_है ,
#
"#अंगीठी_पर_पतीली_पतीली_में_पानी
#आप_हमारे_राजा_हम_तुम्हारे_रानी"
"#आलू_के_भुजिया_भुजते_में_जर_गये
#ए_पिंकी_के_पापा_हम_तहरा_यादे_में_मर_गए"
..
....शायरी साभार : गुरुजी Swarganand Maharaj
#नाजुक_सी_कली_को_मोड़ते_नहीं_है , #दिल_लगाके_किसी_का_तोड़ते_नहीं_हैं,
#अंदर_आना_मना_है, #सौ_रुपिया_जुर्माना_है
वगैरह वगैरह।
ओह समे Btec वाला लोग से जादा भेलु हिन्दी के लिखे आ पढ़े वाला के रहे। काहे ना भले ओकरा हरसई आ दीर्घइ के मात्रा के बोध ना होखे। बस ओह घरी देश के जरूरत रहे एगो अइसन लइका के जवन जनाना लो के ब्लैंक पर्दा प एगो दुगो शायरी लिख देबे लो। छोट छोट लइकवन के भी बड़ी खोज रहे ओह घड़ी।बड़ी भाव खात रह स। आपन महिला समाज ओतना शिक्षित ना रहे जेतना की आज बा।
मेहरारु लोगन के पर्दा के शायरी प सुई आ चमकउवा सितारा लेके पर्दा प मैट्रिक परीक्षा नियन एकाग्रता देखले बानी। गजब के मेहनत, ओतना त बॉयोलॉजी के प्रैक्टिकल में भी केहु फोटो ना बनाये जेतना की पर्दा प घइला (घड़ा) बनावे में लोग करत रहे। #WELCOME के नीचे 20 लीटर के बड़का घइला के फोटो आ घइला के ऊपर पांच गो बनावटी पत्ता। दादा हो उ पर्दा ना होके दुवारी के इज्जत सिंगार होत रहे। बियाह शादी में अंगना में जले लोग पढ़त ना रहे तले ओकरा बुनिया पुड़ी पचत ना रहे। लोगन के आस्था आ संस्कृति जुड़ल रहे उ पर्दा से जवन आज के समे में बिलुप्त हो गइल बा।
कहिये से खोजत बानी कि कहीं से मिल जाइत त फोटो खिच के रख लेती #गौतम_भाई_के_मेहरारू के कामे आइत। गौतम भाई के मेहरारू बड़ी सवखिन हई सिलाई कढ़ाई में। पर्दा त पर्दा उ आजो तकियन के केतना खोली प एक से एक शायरी लिख के रखले बारी। कहीं गांव में तिलक भा बियाह रहेला त उनकर लिखल शायरी वाला तकियन के खोज होला। डिमांड बा पूरे बक्सर में। तिलकहरु लो बड़ी ध्यान से तकिया प लिखल शायरी पढ़ेला।दिल से। जे जादा भाव में डूब जाला उ ओहिजे कलम कोपी निकाल के नोट कर लेबेला प्रीतम भाई नियन।
एकबेर के बात ह , प्रीतम भाई के उहे तकिया कहीं से मिल गइल जवना प गौतम भाई बो गौतम जी खाती कुंवारे में एगो सायरी लिखले रही #फूल_है_गुलाब_का_उठाते_क्यों_नहीं_हो, #बात_जो_दिल_में_है_बताते_क्यों_नहीं_हो। अब प्रीतम भाई के कलाकारी देखीं , बड़ी बड़का कलाकार हवन। Aritst वाला कलाकार। कलम उठइलन आ नीचे लिख देलन
#वादा_है_बजरंग_बली_से_याद_रखना
#हम_आएंगे_तुम्हारे_गली_में_याद_रखना
#मैं_सेहरा_बाँध_के_आऊंगा_मेरा_वादा_है ......
पर्दा तकिया के बाद #रुमाल पे भी प्यार के बैचेनी आ दिल के लेपटाइल उझुराइल देखले बानी। बड़का बड़का चाकर रुमाल पे 10CM के दिल के धड़कल देखले बानी। लोग रुमाल के मुंह से ना दिल से पोछत रहे। लोग इस्त्री करत रहे कि दिल के क्रिच हमेशा टनटनाइल रहे। कला के सवखिन लो रुमाल पे जगह देख के चार गो गुलाब के थाला मार देत रहे लो। पिछिला महीना जब बखोरापुर में गौतम भाई से भेंट भइल रहे त गौतम भाई ,प्रीतम भाई के एगो रुमाल गिफ्ट कइलन जवना प लिखल रहे #बहुत_प्यार_करते_हैं_तुमको_सनम.....।हमरा नजर में त उ रुमाल किडनी से भी बेशकीमती रहे।अनमोल जवना के मोल लगावल मुश्किल बा। आपन करेज आ आपन दिल एगो रुमाल में बान्ह के केहु कइसे केहु के गिफ्ट कर सकता। सोची केतना दिल में जगह बा प्रीतम भाई खाती। गौतम भाई आ उनुकर परिवार अइसही बनल रहो। खूब तकिया , पर्दा , रुमाल , के माध्यम से शायरी होत रहे आ प्यार दुलार समुन्दर नियन गहिरा होत रहो। लभ यु गौतम भाई। सिलसिला जारी रहे। असली मजा ओहि में बा जवना में दिल के उद्गार होखे आ अंदर से प्यार होखे। व्हाट्सएप्प आ फेसबुक प त खाली कॉपी पेस्ट चलेला। मार्केट में कुछ नया बा त उ बा गौतम भाई के तकिया , दुसुती के पर्दा आ तिनकोनिया रुमाल जवन कबो #मिथुना लिलारी बान्ह के घूमत रहे मृत्युदाता में।
कबो कबो सोचिला आखिर पर्दा आजकल लउकत काहे नइखे। आजकल एतना पढ़ल लिखल समाज होखे भी संस्कृति गायब काहे भइल जा तिया। शायद एकरे के कहल जाला समय चक्र। amazon फ्लिपकार्ट ऑनलाइन से जवन पर्दा अदिमि मंगावत बा ओकरा में उ शालीनता आ मन के हरे वाला मनोहर बात नइखे जवन कबो अपना गांव समाज में दुवारी दुवारी प लहरात आ जिंदा बचल संस्कृति के परीचायक रहे। इहो एगो संस्कार रहे जवन घर में घुसते आ मुड़ी त रखते लउकत रहे। पर्दा प जड़ल चमकउआ रंग- बिरंग सितारा सितारा ना ,बलुक कल्पना आ निच्छल प्रेम रहे। केतना दिल लगा के लोग कलम से खिचल डरेरी प आपन दिल लगावत रहे। गहना गुड़िया के बाद जदि कवनो चिझ रहे जेकरा के लोग झापी में राखत रहे त उ रहे दुसुती के सायरी वाला पर्दा, शायरी वाला तकिया के खोल।
हमरा उमीद बा कि राजू भाई के #कोहबर शॉर्ट मूवी में भी उ पर्दा देखे के मिली। काहे से कि कोहबर वाला घर के दुवारी प शायरी वाला पर्दा देखले बानी। #राजू_भाई के कोहबर में जाये के बेरी जब गेट प शायरी सुनावे खाती साली लो दुवारी छेकली त राजू भाई हरबरा गइलन। अब शायरी त याद ना रहे त लगलन नारा सुनावे #सबका_साथ_सबका_विकास। साली लो ना मनली कहली की इ ताहर संसदीय क्षेत्र ना ह जवन की आइल बार एहिजा नारा देबे आ भोट मांगे। शायरी सुनाव शायरी ना त अंदर जाना मना है सौ रुपिया जुर्माना है। राजू भाई के अकिल छितराइल बा। याद करत करत एगो कविता याद पड़ल उनुका जवन पिछिला साल लिखले रहन #बिहार_बोर्ड_करे_लागल_कड़ाई , #का_करी_पढ़ी_कि_छोड़_दी_पढ़ाई। साली लो के मन झनझना गइल कहली लो की लियाव सखी त चंपवा के सिलवट के लोढ़ा आ मार के एकर गलिया पचकाव स त रे। हसुवा के बियाह में खुरपी के गीत गावता। मार के लोला पचका द स। बेचारी सास दूर से देखत मोहात रहली। आहि दादा लगली राजू भाई के पक्ष लेबे । कहली भगबु लो की ना इंहा से। बताव हेतना सुंनर दामाद के कइसे मार तारी स रे। आहि ए हमार बाबू, हमार लाल....बनल रहा। खूब खुश रहा। क्रमशः.....आगे फेर अगिला बात लिखाई तले राजू भाई के कोहबर सिनेमा के पोस्टर देखीं। जल्दिये ट्रेलर आ मूवी दुनु आये वाला बा। राजू भाई के आज रावा लोगन के आसिरबाद के जरूरत बा। आगे आई आ भोजपुरी के असल्लीलमुक्त बनावे में एक कदम साथ दिही।
#मिथिलेश_मैकश
#छपरा
#लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी
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