Saturday, 9 September 2017

मन_की_बात

#मन_की_बात
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सुबह सुबह good morning और शाम होते होते good night भेजने वालो शुभ चिंतको की आज कमी नहीं है। 50 व्हाट्सएप्प मैसेज में 35 तो इन्हीं लोगो का होता है।कुछ लोग इतने शुभचिंतक होते हैं की good morning के साथ चाय और बिस्किट भी सेंड कर देते है, good day वाला ,ताज tea के साथ। रोज की तरह मुफ़्त में मिलने वाली सुविचार की भी कमी नहीं है। कौन सा पैसा लग रहा है, भेजो दस बारह सुविचार कि अगला मजबूर हो जाये विचार करने में कि क्या किया जाय *ब्लॉक कर दिया जाये या लॉक कर दिया जाये, बता तेरे साथ क्या अडॉप्ट किया जाये*।
मुझे याद है कि जब sms के पैसे लगते थे तो उस sms की कीमत होती थी, उसमे वाकई श्रद्धा होती थी। लोग sms को प्यार की नजरों से पढ़ते थे। याद करते थे। अलजेब्रा की फॉर्मूला की तरह। आज व्हाट्सएप्प वाले मैसेज में अब वो श्रद्धा नहीं रही। लोगों को जब #साँप के जैसे एक लम्बा मैसेज भेजा जाता है तो लोगों को काटने लगता है। काटो तो खून नहीं वाला हाल हो जाता है। बैचेनी और कुलबुलाहट सी होने लगती है। अगला इस काट से बचने के लिये ब्लॉक नाम का #एभील ढूंढने लगता है।

पता नहीं आजकल good morning वाले में मैसेज में कौन इतना कलाकारी करता है की दिल भारी हो जाता है। एक ही मैसेज 20 जगह से घूम घूम के आता है पूछने कि और भाई क्या हाल है??😂😂 सब बढ़िया न?? नास्ता हो गया ?कि एक और मैसेज से ब्रेकफास्ट करा दु।आज मैसेज वाले नास्ते में फ्री का सलाह है, दिमाग को खट्टा करने वाली दही की बतकही है, दिमाग को फ्राई करने वाला जोक है।
एक बात आप लोग भी देखे होंगे, जो मैसेज भेजता वो भी पढ़ता नहीं है only copy paste। ऐसे भी इतना लम्बा मैसेज पढ़ने को किसके पास टाइम है। सभी बिजी है कॉपी पेस्ट और शेयर करने में। क्या दुनिया है और क्या लोग है, बिना पढ़े ही reply करते हैं.wow..😷😷😷speechless...गज़ब..बहुत खूब...भाई मजे तो तेरे ही हैं..वगैरह वगैरह।बिना पढ़े reply करने वालो को जनता माफ़ नहीं करेगी। कड़ारा जवाब मिलेगा। वेस्टेज ऑफ नेशन टाइम के तहत देशद्रोही घोषित किया जायेगा।

good night वाले मैसेज तो पढ़ते पढ़ते ही अब नींद आने लगते है। जब कोइ तकिया pillow के पिक के साथ good night मैसेज करता है तो माँ कसम नींद की फिलिंग आने लगती है। ऐसा लगता है कि अगला सज्जन  इसी साल सेमर के रुइ वाला तकिया का फोटो हमारे लिए ही save कर के रखा है और उसको पता है कि बिना तकिया भेजे बन्दे को नींद नहीं आएगी। कुछ शुभचिंतक चाँद तारे के साथ चाँद पे ले जाकर moon light का अनुभव कराते हैं।कुछ तो dinner के लिए बकायदा छप्पन भोग वाली थाली भी सेंड कर देते हैं। जल्दीबाजी में कभी कभी रात को good morning और सुबह में good night के मैसेज देखने को मिलते हैं।

कुछ मित्र ऐसे भी होते हैं जो good morning भेज कर 4 दिन की छूटी पर अंटार्टिका चले जाते हैं। reply करने के बाद भी reply नहीं करते हैं। चार दिन की अवकाश के उपरांत फिर आते हैं और good night लिखकर सत्य की तलाश में निकल जाते हैं। एक अलग किस्म के और प्रजाति है सोशल मीडिया पे, जो बस यही लिखते है  #और_क्या_हाल_है? #ठीक_है...हां भाई ठीक है आपके मैसेज आने के पहले तक खराब था...
फिर 2 घण्टे के बाद #और_भाई_क्या_हाल_है? #ठीक_है_न?? हां भाई बहुत मजे है, चाहिए क्या तुझे भी।
फिर 11 बजे रात को मेसेंजर में आएंगे, #और_भाई_क्या_हाल_है, #खाना_हुआ_की_नहीं?? नहीं भाई आज ब्रह्म बाबा का उपवास था, अब तुम आ ही गए तुम्हारा ही इंताजार था, तुम कहो तो कुछ खा लूं, बड़ी भूख लगी है।

Good morning ,good day , good evening, good night वाले मैसेज ने तो  512 MB वाले मोबाइल का इंटरनल मेमोरी भर दिया है। मोबाइल ऑन करते ही व्हट्सऐप ग्रुप के गैंग्स के कारण मोबाइल हैंग करने लगा है। बन्दे एक से एक ग्रुप बनाते है व्हट्सऐप पे
#गैंग्स_ऑफ_व्हट्सऐप, #शेरा , #चिता और आजकल नया में #भक्त_ऑफ_राम_रहीम चल रहा है। "#यादें_आसाराम_की" तो पुरानी हो चुकी हैं।

कुछ लोग हाय ! को अंगेरजी में इतना लम्बा  (#Hiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii) कर के लिखते हैं कि पढ़ने के बाद हिहिहिहिहिहिहि लगने लगता है ।अगले का दांत भी दिखने लगता है और पता भी चल जाता है कि उसने क्लोज अप का यूज किया है कि दंतकांति का।

फ्री का इंटरनेट और फ्री का व्हट्सऐप ने तो सीधे आदमी को परेशान कर रखा है। बेचारा एक मैसेज झेल नहीं पाता है कि अगला एक ऐसा चेक बाउंस वाला मैसेज सेंड करता है कि *अगर आप इस मैसेज को 111 लोगों को भेजोगे तो आपको तुरन्त माता रानी की कृपा होगी।और नहीं भेजोगे तो आपका jio का सिम खराब हो जायेगा। मैंने अभी 51 लोगों को ये मैसेज भेजा तो मुझे पालम फाटक के पास एक चमचमाती jio fi का router मिला।आपको अपने माँ की कसम।* अब समझ नहीं आता है कि क्या करें? ये फ्री के मैसेज वाले न सच में हँसती खेलती जिंदगी में लंका लगा दिया है।

आपने नोटिस किया होगा, good morning वाले मैसेज में कितने लोग एक लाल रंग का धड़कता हुआ दिल का पिक भेजते हैं जो हमेशा धड़कते रहता है बिना ऑक्सिजन और बिना सेल्स के। ये दिल तब तक धड़कता है जब तक आपके मोबाइल में नेट चल रहा है।ये जो #भरचुवल_दिल है न ,बड़ी ही कातिल है।

#मोराल :

मैसेज भेजना और उसी मैसेज को पढ़ना दोनो अलग चीज है। मैसेज भेजने वाला काम जितना सरल है , मैसेज को पढ़ना और दिल से  समझना उतना ही कठिन है। केवल कॉपी पेस्ट करना ही जिंदगी की सार्थकता नहीं है बल्कि  असल जिंदगी में उस चीज को सार्थक करना ही सार्थकता है। जिंदगी good morning ,good night ,good evening के sms से कहीं बढ़कर है। SMS नहीं जिंदगी को पढ़िए। मैसेज नहीं जिंदगो को share कीजिए।
passion को Like कीजिए और दिल को comment कीजिए। रोज एक नई idea को Save कीजिए। खुशियों को Live कीजिए। अच्छे कर्मो से फिर Back कीजिए। अपने लक्ष्यों के साथ Chat कीजिए। नई सोच को Wave कीजिए। फालतू के टेंशन को block कीजिए। अपनी क्षमता को poke कीजिए। अपनी जिंदगी को अपने हिसाब से Update कीजिए। नई चुन्नौतियों को friend Request Send कीजिए।

#Facebook_में_जिंदगी_नहीं , #जिंदगी_में_Facebook_कीजिए। #Whtsapp_से_जिंदगी_नहीं , #जिंदगी_से_Whtsapp_कीजिए।

मिथिलेश मैकश
#छपरा

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