Wednesday, 21 March 2018

बाग ए जन्नत के काच कली कचनार लागेलु जब देखी तहरा रूखसार के , गुलनार लागेलु इ रंग रूप रंगत के निखार के हम का कही कबो बसंती बहार कबो चइती बेयार लागेलु

बाग ए जन्नत के काच कली कचनार लागेलु
जब देखी तहरा रूखसार के , गुलनार लागेलु
इ रंग रूप रंगत के निखार के हम का कही
कबो बसंती बहार कबो चइती बेयार लागेलु

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