बाग ए जन्नत के काच कली कचनार लागेलु जब देखी तहरा रूखसार के , गुलनार लागेलु इ रंग रूप रंगत के निखार के हम का कही कबो बसंती बहार कबो चइती बेयार लागेलु
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