Thursday, 1 March 2018

तुम्हारा मोबाइल नम्बर

मैं जानता हूँ
लेकिन कुछ कहता नहीं
क्योंकि मुझे पता है
कि रोज सुबह की
तुम्हारी पहली नजर
पड़ती है मोबाइल के उस नम्बर पर
जिस नम्बर को तुमने सेभ किया है
किसी सहेली के नाम पर

मैं जानता हूँ
क्योंकि मुझे पता है
कि तुम्हारे प्यार का सारा गणित है
उस टेन डिजिट के नम्बर में
जिसके एक नम्बर के इधर उधर होने से
मैं हो जाता हूँ इधर उधर
सच कहूँ तो आशियाने की तरह
होता है प्यार का ईक नंबर

मैं कैसे भूल सकता हूँ
तुम्हारे मोबाइल का वो प्यारा नंबर
जिसका लास्ट थ्री डिजिट है 143
जो बात कभी लव कह न पाये
उस बात को बड़े प्यार से
कह जाता है
तुम्हारा वो मोबाइल नम्बर

मैं जानता हूँ
पर कुछ कहता नहीं
क्योंकि मुझे पता है
कुछ टाइप करने से पहले
तुम कितना मुस्कुराती हो, पढ़ती हो
फिर डिलीट कर देती हो
वो सारी अनकही बात
जिस बात के लिए
मैं लिया था ईक नया नंबर

मैं जानता हूँ
पर कुछ कहता नहीं
क्योंकि मुझे पता है
कि नंबर से क्या रिश्ता है हमारा तुम्हारा
आज भी सम्भाल के रखा है
वो दस का पुराना नोट
जिस नोट पर लिखा था
तुम्हारा मोबाइल नम्बर

- मिथिलेश मैकश
  छपरा

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