Saturday, 22 April 2017

देश मे कुछु चीज के ,किलत नईखे


देश मे कुछु चीज के ,किलत नईखे
फिर भी केहु के,कुछ मिलत नईखे
केहु खा खा के ,खूब काखsता,आ
केहु के कुछ खाये के,मिलत नईखे

सबसे बड़ समस्या,इहे बा आज के
आगे आवे के ,केहु के हिमत नईखे
खाली बइठल बईठल,सबके चाही
केहु अपना जगह से ,हिलत नईखे

नेतवन के सैलरी देखके,ई लागता
की देश मे पईसा के ,दिकत नईखे
इहंवा खिलाड़ी,हीरो के कीमत बा
शहीदन के जान के, क़ीमत नईखे

लोग ऑनलाइन ,खूब बात करता
सोझा केहु , केहु के चिन्हत नईखे
जवन साच बा ,उहे त कहs तानी
सीधा आदमी के अब इजत नईखे

अंगरेजी दीस दैट ,सभे लो करता
आपन भाषा , .केहु लिखत नईखे
जवन बुझात नईखे,उ लोग रटता
जवन बुझाता ,केहु सिखत नईखे

योजना पे योजना खूब शुरू होता
जमीनी स्तर पे,कुछ होखत नईखे
शिलान्यास पट त , खूबे लउकता
काम का होता कुछ दिखत नईखे

बरे बरे घोटाला , लिल जाता लो
मुंह से केहु,कुछऊ छिकत नइखे
झूठ ह की साच,साच ह की झूठ 
कवनो के ,कुछ  हकीकत नईखे

पियक्कड़ लोग,ढ़ेर परेशान बाड़े
सरकार के करेज,पसिजत नईखे
खइनी ओइनि त,चलते बा 'मैकश'
बस लाल पानी केहु बेचत नइखे

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

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Friday, 21 April 2017

आज हर शहर मे ,आपन गाँव जिंदा बा

शहर के जिनगी , जियल बड़ी पेचीदा बा
गाँव आके देखs  , लोग केतना सीधा बा

गाँव मे नाम पूछ,लोग घर तक पहुचा दी
शहर मे  त , हर  चीज पुछे मे दुबिधा बा

शहर के लोग बस ,इंटरनेट पे देख सकेले
गाँव मे हमरा , साचो के  बाग- बगीचा बा

बरगर पिजा से बढ़िया , लिट्टी -चोखा बा
घईला के पानी,शरबत से जादा मीठा बा

गाँव मे काम ,मिल के ओरीयावल जाला
शहर मे मरदे बस ,भरमावे के तरीका बा

शहर जइसन नइखे ,बाकी आके देखल
दु टाइम ठीक से,खाये जियेकेे सुबिधा बा

केहु दिल्ली,बम्बे त केहु अरब बा मैकश
आज हर शहर मे ,आपन गाँव जिंदा बा

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

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#ललका_गुलाब
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Wednesday, 19 April 2017

जय जवान.....मुँह से....पर दिल से नहीं

आखिरकार BSF जवान को ...सेना से बर्खास्त किया गया

ये उसकी गलती थी कि जवानो के खाने की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे

क्या सही में जवानों का खाना ....फौज के अधिकारियों जैसा होता है ....निश्चित ही ....इसका जवाब है ...नहीं

क्योंकि अगर खाना एक जैसा होता तो ....जवान और अधिकारियों के लिये अलग अलग रसोईघर नहीं होते ?

भारतीय सेना की अपनी अँग्रेज़ों की जमाने वाली न्यायिक प्रक्रिया है ...जिसमें आरोप लगाने वाला , और आरोप की सुनवाई करने वाला ...दोनो ही ...अधिकारी वर्ग ही होता है

ये  सच्चाई लगभग सभी जानते हैं.... पर जवानों की सही शिकायत का मलाल ही किसे है  ?

क्योंकि इस देश में गरीब और जवान को पूछने कोई नहीं है.....और दुर्भाग्यवश .....गरीब का लड़का ही ....(शायद कुछ को छोड़कर ) ...सेना के जवान बनते हैं

वो दोनो मजबूरियों को ...गरीब और जवान की....भलीभांति  समझते हैं

एक तरफ कुआँ है तो दूसरा तरफ खाई है....जाए तो किधर जाए

एक बार फिर से ....दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में....जहाँ सबको आजादी है ....एक गुलाम (अनुशासन के नाम पर ) की सही आवाज को दबा दिया गया...

अच्छा हुआ ....अब सदियों तक ....कोई दूसरा गुलाम आवाज नहीं उठाएगा....

अब शर्म आती है उनपर
जो सिर्फ ...जय जवान बोलते हैं
पर जवानों की सुनते नहीं है....

फिर हमें ....आँखों पर पट्टी बाँधे उस न्याय की मूर्ति को हमें नमन करना ही होगा

             जय हिन्द

ना साफ़ कर समय से त , रिश्ता पे धूल जमे लागेला

ई इक्कसवीं सदी ह, इहां लोग जल्दी ही भूले लागेला
ना साफ़ कर समय से त , रिश्ता पे धूल जमे लागेला 

जहाँ भी रहऽ आपन पहचान बना के रखऽ , काहेकी
जे काम के चीज ना होले,ओके लोग बाहर रखे लागेला

कबो कबो लागेला की दु चार,थापर लगा दी लइका के
काहेकी जादा प्यार कईला पर ,नखरा बदले  लागेला

एगो समय रहे जब साँझ होते ही ,दीया जरे लागत रहे 
आ आज एगो समय बा कि ,साँझ होते दिल जरे लागेला

हमेशा अकेले गुमसुम रहल , ई ठीक ना ह "मैकश "
सीधवा सिधवा कहके फिर लोग, पागल कहे लागेला 

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
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जे आपन होइ, कबो माना ना करी

जान दे दिही,बाकी बहाना ना करी
जे आपन होइ, कबो माना ना करी

प्यार से भी ,हर बात फरिया जाला
हर फैसला ,कचहरी थाना ना करी

गरीब जेतना,सनेह दुलार दे दिहन
ऊ मान कबो , बड़ घराना ना करी

गर्मी आईल ,सतुई पियल करऽ हो
नुकसान कबो मकई चाना ना करी

जवन काम लइका क दिही मैकश
उ काम आज,केहु सेयाना ना करी

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

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Monday, 17 April 2017

#एगो_जिनगानी_केतना_कहानी_से_गुजरल

#एगो_जिनगानी_केतना_कहानी_से_गुजरल
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कबो  सुख  त कबो , परेशानी से गुजरल
कबो  आग  त  कबो  , पानी  से  गुजरल
कबो लरिकाई त कबो,जवानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल

कबो  काम  त  कबो , आराम से गुजरल
कबो  बदनामी त कबो , नाम  से गुजरल
कबो  छाह  त  कबो  ,  घाम  सेे  गुजरल
कबो निहोरा त  कबो , सलाम से गुजरल
कबो दिकत त कबो ,आसानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल

कबो खिसियाके त कबो,प्यार से गुजरल
कबो  नगद  त  कबो , उधार  से  गुजरल
कबो किनार त कबो ,मझधार से गुजरल
कबो  रुईया त  कबो , पहाड़  से गुजरल
कबो  सोना  त  कबो , चानी  से  गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल

कबो  कमजोर कबो , बरियार से गुजरल
कबो  हलुकाह त कबो , भार  से गुजरल
कबो गली गुची , कबो बाजार से गुजरल
कबो अकेला  त कबो , हजार से गुजरल
कबो मनलस  कबो , मनमानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल

कबो मस्ती में कबो ,जिमेदारी से गुजरल
कबो  भालु  त  कबो , मदारी  से गुजरल
कबो  निरोग त  कबो , बेमारी से गुजरल
कबो  छुछे त  कबो , तरकारी से गुजरल
कबो  ठेला  त कबो , दोकानी से गुजरल
एगो जिनगानी,केतना कहानी से गुजरल

कबो  मिठ  त  कबो  ,  तित  से  गुजरल
कबो  गीत  त  कबो ,  संगीत से गुजरल
कबो  हार  त  कबो  ,  जीत  से  गुजरल
कबो   पट  त  कबो  ,  चित  से  गुजरल
कबो  नाफा  त  कबो ,  घानी से गुजरल
एगो जिनगानी केतना कहानी से गुजरल

कबो  गर्व   त  कबो  , पछताके  गुजरल
कबो  शांत त  कबो , छटपटाके  गुजरल
कबो निकलल त कबो,अटकाके गुजरल
कबो सीधा कबो उल्टा,लटकाके गुजरल
कबो ईमानदारी कबो,बईमानी से गुजरल
एगो जिनगानी केतना कहानी से गुजरल

#मिथिलेश_मैकश
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Thursday, 13 April 2017

देखऽ सभकुछ बदलल बाटे

कुछ  हवा  तऽ  बहल   बाटे
देखऽ सभकुछ बदलल बाटे

बड़ी  सुनसान लागऽता गांव
बुढ़  पुरनिया  लो मरल बाटे

जे  गरीबी  देख  के  भागल
आज पइसा देख सटल बाटे

अइसे  तु  कबो आवेलऽ ना
आज फेर , का  घटल बाटे ?

अलगा अलगा बनता खाना
घर  केहुके  फेर  जरल बाटे

अदिमि अदिमि त जरऽ ताटे
खाली ,गाछ वृक्ष फरल बाटे

बड़  छोट के  चिन्हत नइखे
लइका तहार इहे पढ़ल बाटे

बुद्धि तहार ना भइल मैकश
खाली  देह  हाथ बढ़ल बाटे

#मिथिलेश_मैकश
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कुछ चाही जिये खाये खाती बात से जिनगी कटेला ना

छुअला से बेमारी  सटेला ना
ज्ञान के बाँटला से घटेला ना

गारी देबेवाला के देबे द मर्दे
झाड़ऽ देह हाथ में सटेला ना

असली मरद के इहे पहचान
बात  से  जे  कबो हटेला ना

बेमारी हाड ,बीपी बढ़ल रही
बईमानी  के धन  पचेला ना

जेही देखी ,सेही अब रोवता
पहिले लेखा केहु  हसेला ना

कुछ चाही जिये खाये खाती
बात  से  जिनगी  कटेला ना

रुखर लोग सही होले मैकश
डालडा लो से हमें पटेला ना

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

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तहार_गली_से_गुजरेम_बाकी_नजर_उठाके_झाकेम_ना

#तहार_गली_से_गुजरेम_बाकी_नजर_उठाके_झाकेम_ना
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तु आइयो जइबु सामने त भुलाईयो के हम ताकेम ना
तहार गली से गुजरेम बाकी , नजर उठाके झाकेम ना

अभी ले हमार प्यार देखलु ,अब हमार इंतकाम देख
जुदाई के गम में डूबल,एगो प्रेमी के सुबह साम देख
बड़ी हमें रोअवले बारु, हम बिना रोअवले मानेम ना
तहार गली से गुजरेम बाकी, नजर उठाके झाकेम ना

तनिको ना मोह माया, कइसे रोटी नियन हमके बेलेलु
हमार दिल कवनो मशीन हवे , जे एहसे एतना खेलेलु
तु पहचानियो लेबु हमरा के त ,हम बाकी पहचानेम ना
तहार गली से गुजरेम बाकी , नजर उठाके झाकेम ना

हम मुयेम थोड़े हो , बस दोसर अब कवनो काम होइ
तहरे जस लोग के कारण, प्यार के नाम बदनाम होइ
प्यार बड़ा खराब चीज हटे, बढ़िया एहके जानेम ना
तहार गली से गुजरेम बाकी ,नजर उठाके झाकेम ना

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

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ये जो खेल है

चाहे कोई भी खेल है
आप कभी पास तो कभी फ़ेल है
इसमें कई पहलुओं का मेल है

जब सबकुछ होता है Fit
तब जाके ही कोई होता है Hit
और उसके हिस्से में जाती है "जीत"

कभी ये होती आसान है
तो कभी ले लेती जान है
अंततः
उम्मीदों की अरमान है

जीवन जीने का देती संदेश है
हर चुनौतियों को करना Face है
ये कभी खत्म ना होने वाली Race है