सुख में सँघाती, दुःख में बईसाखी होली
धरती पे बहिन, पूरनिमा के राखी होली
बरखा आईल बह गइल,
उ माटी कवना काम के ?
बहिन के जे कामे ना आईल,
उ राखी कवना काम के ?
हनुमान हिरदया,बहिन के तियाग देखऽ
जियत घर में, गंगा जमुना परयाग देखऽ
ना राखल जे मुँह के पानी
उ लाठी कवना काम के ?
बहिन के जे कामे ना आईल,
उ राखी कवना काम के ?
- मिथिलेश मैकश
छपरा
जियत रहस बहिन, जियत रहस भाई
रउवा सभे के राखी के, अनघा बधाई
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