मैं दूर रहता हूँ नजदीकियों से
क्योंकि कभी कभी
नजदीकियां स्वार्थ बन जाती है
रुठ जाती है, और
मजबूर कर देती है दूर होने पर।
नजदीकियों का एक वक्त होता है
एक वक्त के बाद दूर हो जाती है
नजदीक होना मतलब भी है
और दूर होना स्वार्थ भी है।
गम दूरियों का नहीं
नजदीकियों का होता है
इसीलिए कोशिश करता हूँ
जो नजदीक है, वो दूर न हो
और जो दूर है, फिर नजदीक न हो
क्योंकि
दूर होना नियति है और
ज्यादा नजदीक होना
दूर होने की स्थिति है।
फासलें बताते हैं
दूर कौन है?, नजदीक कौन है?
क्योंकि फैसलों से फाँसले होते हैं
और फासलों से फैसलें
नजदीकियां भ्रम पैदा करती हैं
नजदीक रहने वाले दूर हो जाते हैं
और दूर होने वाले बहुत दूर।
नजदीकियों और दूरियों के बीच
रहने की कोशिश की मैंने
पर हो न सका,
दूरी एक पल के लिए होती है
और नजदीकियां याद रहती हैं
सालों साल, जीवन भर
इसीलिए
मैं दूर रहता हूँ नजदीकियों से
मैं दूर रहता हूँ नजदीकियों से
- मिथिलेश मैकश
छपरा