जब रहूँ उदास तो कोई पास आये
एक मीठी सी मधुर एहसास आये
जिसे देख ओंठों पर मुस्कान आये
चेहरे पे ख़ुशी दिलों में जान आये
बाग- ए - दिल में गुल खिला दे कोई
आज ऐसा मीत मिला दे कोई
आज प्रेम का गीत सुना दे कोई ।
बंद आँखों में जिसकी सूरत है
आज दिल को उसी की जरुरत है
हर एक साँस पे जिसका वास है
वही है तृप्ति वही मेरी प्यास है
हो जाऊं दीवाना जिसकी चाहत में
आज ऐसा शमा जला दे कोई
आज ऐसा मीत मिला दे कोई
आज प्रेम का गीत सुना दे कोई
इन आँखों में बस वही नज़र आता
जिसे सोच कर ये वक्त गुज़र जाता
जो खुदा का बस थोड़ा दया होगा
गर सामने मिल जाए तो क्या होगा
नशा हो ऐसा जो न उतरे मैकश
आज ऐसा जाम पिला दे कोई
आज ऐसा मीत मिला दे कोई
आज प्रेम का गीत सुना दे कोई
है मेरे मन में क्या कैसे मै बताऊँ
कोई दिल से समझे तब समझाऊँ
तनहाई दूर होगी कब बदलेगा मंजर
है दबे दबे से अरमां दिल के अंदर
बुझा बुझा सा है ख़्वाब मेरा
आज दिल में आग लगा दे कोई
आज ऐसा मीत मिला दे कोई
आज प्रेम का गीत सुना दे कोई
- मनोज मैक़श
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