आज महतारी दिवस ह.. आज माई ना रहित त बुला ई पोस्ट भी लिखे के किस्मत में ना रहित।
माई के आभार हम कवन सबद से व्यक्त करी बुझात नइखे..बस इहे कहब की हम बड़ी किस्मतवाला बानी की हमार माई बारी आ भगवान से इहे मनाइब की सभे के अइसहि माई के प्यार दुलार मिलत रहे।
माई प हम 3 गो रचना लिखले रही..ओकरा के फेरु से रावा के सामने पोस्ट कर रहल बानी।
1.
दुनिया के मिठो से मिठका मिठाई माई हियऽ
सारा दुख दरद के बस एके दवाई माई हियऽ
जदी बाबूजी धूप हवें , त परछाई माई हियऽ
अब आगे का कही , माई त भाई, माई हियऽ
जिनिगी के एगो अच्छा ,एहसास माई हियऽ
घर के अंजोरिया रोशनी ,प्रकाश माई हियऽ
जेकर सीमा नु उ धरती ,आकाश माई हियऽ
जदि बाबूजी देह ,त ओकर साँस माई हियऽ
दुलार के दोकान,खुशी के बाजार माई हियऽ
लरीकाई मे पिअनी,उ अमृत धार माई हियऽ
घर आंगना दुआर के,रूप सिंगार माई हियऽ
जदि बाबूजी देव ,त देवी अवतार माई हियऽ
भोरही निन से जगावे जे ,उ चाय माई हियऽ
कोरा मे खेलावे जस ,छोटकी नाय माई हियऽ
कबो रोइ त चुप कराये के ,उपाय माई हियऽ
जे बाबूजी मरखाह ,त सिधवा गाय माई हियऽ
खाना खइल हो? इ पूछे वाला बस माई हियऽ
मुड़ी से ढ़ील के जे,नोचे वाला बस माई हियऽ
लइका का करता,इ सोचे वाला बस माई हियऽ
लोर जे बहे त,ओके पोछे वाला बस माई हियऽ
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2.
छाती जब पीटेली... त सुखार आ जाला
माई जब भी रोवेली...त बाढ़ आ जाला।
माई जब उदास रहे....त मये फिका लागे
माई जे हसेली..त सगरो बहार आ जाला।
अकेले मये रात जागल रहे..बेटा खातीर
जदी बेटा के..तनिको बोखार आ जाला।
तनि मुनि जब कुछऊ हो जाला लइका के
त माई पे लागे...जइसे पहाड़ आ जाला।
माई जेतना क देली दोसर ओतना के करी
माई के छोटहन अचरा मे संसार आ जाला।
जरूरत परेला जब दुनिया के,त ईहे माई
बन जाली दुर्गा हाथ मे तलवार आ जाला।
माई के बनावल रोटी मे...बहुते तागद बा
आ छुअल पानी मे ,अमृत धार आ जाला ।
माई जवना काम मे हाथ लगा देबे 'मैकश'
त रुकल जिनगी मे भी रफ़्तार आ जाला ।
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3.
घर से बाहर कइसे रहल जाला,ई सिखत बानी
बड़ी सपर के आजु ,एगो बात के लिखत बानी
केतनो हो जाई सेयान ,तोरा खाती लइके बानी
बढ़िया खराब का ह, तोरा से बढ़िया के जानी ?
रंग उहे बा,ना जादा सांवर,ना जादा गोरे बानी
लइकाई से ते देखऽ तारे ,नाया हम थोड़े बानी
एकदम हम फिट बानी , देह रोगी नइखे भइल
असही सरकल हा , हमरा खोखी नइखे भइल
भुजा सतुइ आ पुरुकिया जवन पेठवले बारिस
खुबे खात बानी ,ठेकुआ जवन बनवले बारिस
ते जवन जवन कहतारी, तवन तवन खा तानी
आराम वाला काम बाटे , बइठ के सुस्ता तानी
ना केहुसे बतकही , ना अधिका बोलचाल बा
जे मिल गइल राम राम,बाकी का हालचाल बा
झूठे के हई फालतू में डर तारे ,हम ठीक बानी
माई रे ,ते चिंता काहे कर तारे ,हम ठीक बानी
माई रे ,ते चिंता काहे कर तारे ,हम ठीक बानी
#मिथिलेश_मैकश
#छपरा
#लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी
दुगो कविता के आपन next9news में जगह देबे खाती बहुत बहुत धन्यवाद Rajiv Ranjen भइया।
नीचे लिंक बा ..देखी आ आपन सनेह दिहि। जय हो
https://youtu.be/Q2pFjLlNiqQ