Thursday, 25 May 2017

#तहरा_का_मालूम ?

#तहरा_का_मालूम ?

रात के कइसे जागल जाला ,तहरा का मालूम ?
जिनगी कइसे जारल जाला ,तहरा का मालूम ?

तु त खाली घर में बइठ के, रोटी पकवले बारु
घाम में कइसे पाकल जाला तहरा का मालूम ?

लाठी गोली बन्दुख त ,कमजोर के निशानी ह
बात से कइसे मारल जाला ,तहरा का मालूम ?

जब सगरे अन्हार होखे , आन्ही तूफान होखे
त दिया कइसे बारल जाला,तहरा का मालूम ?

तु खाली कबूतर मुर्गी ,पोसाईल देखले बारऽ
साढ़ के कइसे नाथल जाला,तहरा का मालूम ?

आगे रहे में का दुख बा ,ई त अगीले जानऽता
चढ़ाके कइसे भागल जाला ,तहरा का मालूम ?

कागज के काट लेहल , बड़ी आसान ह बाबू
दुखवा कइसे काटल जाला,तहरा का मालूम ?

'मैकश' गरीब के जिनगी एगो नेमु के जइसन
रस ला कइसे गारल जाला , तहरा का मालूम

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

Monday, 22 May 2017

आज प्रेम का गीत सुना दे कोई ।

जब रहूँ उदास तो कोई पास आये
एक मीठी सी मधुर एहसास आये
जिसे देख ओंठों पर मुस्कान आये
चेहरे पे ख़ुशी  दिलों में जान आये
बाग- ए - दिल में गुल खिला दे कोई
आज  ऐसा  मीत  मिला  दे कोई
आज प्रेम का गीत  सुना दे  कोई ।

बंद आँखों  में  जिसकी  सूरत है
आज दिल को उसी की जरुरत है
हर एक साँस पे जिसका वास है
वही है तृप्ति  वही मेरी  प्यास है
हो जाऊं दीवाना जिसकी चाहत में
आज ऐसा शमा जला दे कोई
आज  ऐसा  मीत  मिला  दे कोई
आज प्रेम का गीत  सुना दे  कोई

इन आँखों में बस वही नज़र आता
जिसे सोच कर ये वक्त गुज़र जाता
जो खुदा का बस थोड़ा दया होगा
गर सामने मिल जाए तो क्या होगा
नशा हो  ऐसा  जो न  उतरे मैकश
आज ऐसा जाम पिला दे कोई
आज  ऐसा  मीत  मिला  दे कोई
आज प्रेम का गीत  सुना दे  कोई

है मेरे मन में क्या  कैसे मै बताऊँ
कोई दिल से समझे तब समझाऊँ
तनहाई दूर होगी कब बदलेगा मंजर
है दबे दबे से अरमां  दिल के अंदर
बुझा  बुझा सा  है  ख़्वाब  मेरा
आज दिल में आग लगा दे कोई
आज  ऐसा  मीत  मिला  दे कोई
आज प्रेम का गीत  सुना दे  कोई

                                          - मनोज मैक़श

Sunday, 14 May 2017

माँ

आज महतारी दिवस ह.. आज माई ना रहित त बुला ई पोस्ट भी लिखे के किस्मत में ना रहित।
माई के आभार हम कवन सबद से व्यक्त करी बुझात नइखे..बस इहे कहब की हम बड़ी किस्मतवाला बानी की हमार माई बारी आ भगवान से इहे मनाइब की सभे के अइसहि माई के प्यार दुलार मिलत रहे।
माई प हम 3 गो रचना लिखले रही..ओकरा के फेरु से रावा के सामने पोस्ट कर रहल बानी।

1.

दुनिया के मिठो से मिठका मिठाई माई हियऽ
सारा दुख दरद के बस एके दवाई माई हियऽ
जदी बाबूजी धूप हवें , त  परछाई माई हियऽ
अब आगे का कही , माई त भाई,  माई हियऽ

जिनिगी के एगो अच्छा ,एहसास माई हियऽ
घर के अंजोरिया रोशनी ,प्रकाश माई हियऽ
जेकर सीमा नु उ धरती ,आकाश माई हियऽ
जदि बाबूजी देह ,त ओकर साँस माई हियऽ

दुलार के दोकान,खुशी के बाजार माई हियऽ
लरीकाई मे पिअनी,उ अमृत धार माई हियऽ
घर आंगना दुआर के,रूप सिंगार माई हियऽ
जदि बाबूजी देव ,त देवी अवतार माई हियऽ

भोरही निन से जगावे जे ,उ चाय माई हियऽ
कोरा मे खेलावे जस ,छोटकी नाय माई हियऽ
कबो रोइ त चुप कराये के ,उपाय माई हियऽ
जे बाबूजी मरखाह ,त सिधवा गाय माई हियऽ

खाना खइल हो? इ पूछे वाला बस माई हियऽ
मुड़ी से ढ़ील के जे,नोचे वाला बस माई हियऽ
लइका का करता,इ सोचे वाला बस माई हियऽ
लोर जे बहे त,ओके पोछे वाला बस माई हियऽ
********×***********************

2.

छाती जब पीटेली... त सुखार आ जाला
माई जब भी रोवेली...त बाढ़ आ जाला।

माई जब उदास रहे....त मये फिका लागे
माई जे हसेली..त सगरो बहार आ जाला।

अकेले मये रात जागल रहे..बेटा खातीर
जदी बेटा के..तनिको बोखार आ जाला।

तनि मुनि जब कुछऊ हो जाला लइका के
त माई पे लागे...जइसे पहाड़ आ जाला।

माई जेतना क देली दोसर ओतना के करी
माई के छोटहन अचरा मे संसार आ जाला।

जरूरत परेला जब दुनिया के,त ईहे माई
बन जाली दुर्गा हाथ मे तलवार आ जाला।

माई के बनावल रोटी मे...बहुते तागद बा
आ छुअल पानी मे ,अमृत धार आ जाला ।

माई जवना काम मे हाथ लगा देबे 'मैकश'
त रुकल जिनगी मे भी रफ़्तार आ जाला ।
********************************

3.

घर से बाहर कइसे रहल जाला,ई सिखत बानी
बड़ी सपर के आजु ,एगो बात के लिखत बानी

केतनो हो जाई सेयान ,तोरा खाती लइके बानी
बढ़िया खराब का ह, तोरा से बढ़िया के जानी ?

रंग उहे बा,ना जादा सांवर,ना जादा गोरे बानी
लइकाई से ते देखऽ तारे ,नाया हम थोड़े बानी

एकदम हम फिट बानी , देह रोगी नइखे भइल
असही सरकल हा , हमरा खोखी नइखे भइल

भुजा सतुइ आ पुरुकिया जवन पेठवले बारिस
खुबे खात बानी ,ठेकुआ जवन बनवले बारिस

ते जवन जवन कहतारी, तवन तवन खा तानी
आराम वाला काम बाटे , बइठ के सुस्ता तानी

ना  केहुसे बतकही , ना अधिका बोलचाल बा
जे मिल गइल राम राम,बाकी का हालचाल बा

झूठे के हई फालतू में डर तारे ,हम ठीक बानी
माई रे ,ते चिंता काहे कर तारे ,हम ठीक बानी
माई रे ,ते चिंता काहे कर तारे ,हम ठीक बानी

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

दुगो कविता के आपन next9news में जगह देबे खाती बहुत बहुत धन्यवाद Rajiv Ranjen भइया।

नीचे लिंक बा ..देखी आ आपन सनेह दिहि। जय हो
https://youtu.be/Q2pFjLlNiqQ

Wednesday, 3 May 2017

# कुछ_कइले_बिना_कुछ_होखे_वाला_बा ?

# कुछ_कइले_बिना_कुछ_होखे_वाला_बा ?
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बात  के  जोखला  से  कुछ  होखे वाला बा?
खायं खाएं खोखला से कुछ होखे वाला बा?

राजनीत  बड़ा  चमरचिट  चीज  हिय  भाई
नोंह  से  नोचला  से  कुछ  होखे  वाला बा?

जमाना  चना , खेसारी , अरहर दाल के बा
झूठे  हई  बोकला  से  कुछ होखे वाला बा?

गुंग  बिया  ई  जनता,आ  गुंग बा ई समाज
गोइठा में घी घोसला से कुछ होखे वाला बा?

सेना के जवान ठीक से खाइ, तबे भीड़ पाई
खलिहा पीठ ठोकला से कुछ होखे वाला बा?

चुनाव  भइल  सभ  नेता  अपना घरे गइले
अब  माटी ओलला से कुछ होखे वाला बा?

मुस  हव  की  मनुष्य  हव   बुझात  नईखे
कान  के खोदला  से कुछ  होखे वाला बा?

बेर बेर समझाव तानी जइब की ना जइब
खाली मुंह चोथला से कुछ होखे वाला बा?

क्रांति   हमेशा   बलिदान  मांगेले  "मैकश"
बस मुंह से बोलला से कुछ होखे वाला बा?

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी