Saturday, 25 March 2017

ई जिनगी...अईसन गीठा ह हो ढेर सुझरइब....त उझरा जाई।

जे रुकब...त मन अकुता जाई
चलत रह....राह निचका जाई।

जे ना बुझाये....त पूछ ल मरदे
केहु बाघ थोरे ह...जे खा जाई।

ई जिनगी...अईसन गीठा ह हो
ढेर सुझरइब....त उझरा जाई।

बेटा बेटी के....गारन्टी ना लेम
गाय...त साझ ले घर आ जाई।

कल चोरी ...केतनो धोखाधड़ी
आज ना काल....पकड़ा जाई।

कईल कर ..कुछ एकही 'मैकश'
दुगो नाव पे...टाँग छितरा जाई।

#मिथिलेश_मैकश
#छपरा

      #लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
                 #रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी

No comments:

Post a Comment