जे रुकब...त मन अकुता जाई
चलत रह....राह निचका जाई।
जे ना बुझाये....त पूछ ल मरदे
केहु बाघ थोरे ह...जे खा जाई।
ई जिनगी...अईसन गीठा ह हो
ढेर सुझरइब....त उझरा जाई।
बेटा बेटी के....गारन्टी ना लेम
गाय...त साझ ले घर आ जाई।
कल चोरी ...केतनो धोखाधड़ी
आज ना काल....पकड़ा जाई।
कईल कर ..कुछ एकही 'मैकश'
दुगो नाव पे...टाँग छितरा जाई।
#मिथिलेश_मैकश
#छपरा
#लिखीं_भोजपुरी_पढ़ीं_भोजपुरी
#रउवा_बढ़ब_बढ़ी_भोजपुरी
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