ठीक ना लागेला....
ना खटिया,ना ओरचन पाटी
ना दुआरे खोप, मरई, टाटी
ना आँगन, बिनु गोबर माटी
ठीक ना लागेला.....
ना खेतिहर, हर, ना हरवाही
ना तसला, कठवत, कड़ाही
ना फूलहा ना घर में सोराही
ठीक ना लागेला.....
ना खेत,ना रोपाई ना कटनी
ना सोहाई, बोवाई ना पटनी
ना सतुई ना आमे के चटनी
ठीक ना लागेला.....
देखs खाए पिये में कंजूसी
खाली दोसरा के चपलुसी
बेखदी मदी के रूसा रूसी
ठीक ना लागेला.....
अगराईल,धधाईल,छहकल
हरफड़ाइल मन के बहकल
ढ़ेर बेजाएं आ ढ़ेर सहकल
ठीक ना लागेला.....
- मिथिलेश मैकश
छपरा
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