Wednesday, 17 October 2018

जदि हम ना रहब, त ई भोजपुरी चली कइसे ?

कुछ लोग सोचता कि दाल हमार गली कइसे ?
जदि हम ना रहब, त ई भोजपुरी चली कइसे ?

केहू अपना के भिखारी ठाकुर से बड़ जानता
त केहू अपना के महेंद्र मिसिर से बड़ मानता
इंहा भोजपुरी के कर्ता - धर्ता के लमहर लिस्ट बाटे
केहू बी ए एम ए त केहू भोजपुरी से मेडलिस्ट बाटे
ई मन के भरम  उनुका मन से निकली कइसे ?
जदि हम ना रहब, त ई भोजपुरी चली कइसे ?

केहु जियता इंहा भोजपुरी के गणित से
त केहु जियता भोजपुरी के राजनीत से
केहू भोजपुरी के जोखsता बटखरा आ तरजुई लेके
त केहू दिन भर इहे तुरपाई करता मेहीकी सुई लेके
ई महान लोग ना रहीहें  त कमी खली कइसे ?
जदि हम ना रहब, त ई भोजपुरी चली कइसे ?

- मिथिलेश मैकश
  छपरा

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