बम्बे दिल्ली भागत भागत
जनता थाकल हार के
बन्दा धंधा का करी ?
ना सोर्स बा रोजगार के
निंन में सरकार बिया
यू पी भा बिहार के
लोग जिये भा मरे बाकी
जय होखे सरकार के
जय होखे सरकार के.......
देसे में निकासी होता
काड़ल जाता मार के
बढ़िया से स्वागत होता
गंगा जल से ढार के
दवा बीरू होता देखs
दरद आ बोखार के
लोग जिये भा मरे बाकी
जय होखे सरकार के
जय होखे सरकार के.......
गारी सुने गरजे आदमी
चलत बा सम्हार के
छाती भारी भइल बा
नस फाटता कपाड़ के
मातल बारे नेता लो
अंग्रेजी दु पेग मार के
लोग जिये भा मरे बाकी
जय होखे सरकार के
जय होखे सरकार के.......
केकर सवख लागल बा?
जे छोड़े घर परिवार के ?
पेट के आग बुतावल जाता
आँखि से लोर ढार के
ऊँख नीयन पेरा त लो
नेमु के जइसे गार के
लोग जिये भा मरे बाकी
जय होखे सरकार के
जय होखे सरकार के.......
छोड़ के काहे जाएब हम
इंहा बात बा संस्कार के
संविधान से बड़का केहू ना
हम छोड़ब ना अधिकार के
बांध के इंहा लिलारी घूमेम
ललका गमछा झाड़ के
लोग जिये भा मरे बाकी
जय होखे सरकार के
जय होखे सरकार के.......
सरकार से निहोरा बा
कुछ करे हई रोजगार के
भाषण बाजी बन करा
अंग्रेजी चार लाइन मार के
ठीक ना लागे आदिमी
घूमsता हाथ पसार के
लोग जिये भा मरे बाकी
जय होखे सरकार के
जय होखे सरकार के.......
- मिथिलेश मैकश
छपरा