Wednesday, 24 October 2018

जय होखे सरकार के.......

बम्बे दिल्ली भागत भागत
जनता थाकल हार के
बन्दा धंधा का करी ? 
ना सोर्स बा रोजगार के
निंन में सरकार बिया
यू पी भा बिहार के
लोग जिये भा मरे बाकी
जय होखे सरकार के
जय होखे सरकार के.......

देसे में निकासी होता
काड़ल जाता मार के
बढ़िया से स्वागत होता
गंगा जल से ढार के
दवा बीरू होता देखs
दरद आ बोखार के
लोग जिये भा मरे बाकी
जय होखे सरकार के
जय होखे सरकार के.......

गारी सुने गरजे आदमी
चलत बा सम्हार के
छाती भारी भइल बा
नस फाटता कपाड़ के
मातल बारे नेता लो
अंग्रेजी दु पेग मार के
लोग जिये भा मरे बाकी
जय होखे सरकार के
जय होखे सरकार के.......

केकर सवख लागल बा?
जे छोड़े घर परिवार के ?
पेट के आग बुतावल जाता
आँखि से लोर ढार के
ऊँख नीयन पेरा त लो
नेमु के जइसे गार के
लोग जिये भा मरे बाकी
जय होखे सरकार के
जय होखे सरकार के.......

छोड़ के काहे जाएब हम
इंहा बात बा संस्कार के
संविधान से बड़का केहू ना
हम छोड़ब ना अधिकार के
बांध के इंहा लिलारी घूमेम
ललका गमछा झाड़ के
लोग जिये भा मरे बाकी
जय होखे सरकार के
जय होखे सरकार के.......

सरकार से निहोरा बा
कुछ करे हई रोजगार के
भाषण बाजी बन करा
अंग्रेजी चार लाइन मार के
ठीक ना लागे आदिमी
घूमsता हाथ पसार के
लोग जिये भा मरे बाकी
जय होखे सरकार के
जय होखे सरकार के.......

- मिथिलेश मैकश
   छपरा

Wednesday, 17 October 2018

जदि हम ना रहब, त ई भोजपुरी चली कइसे ?

कुछ लोग सोचता कि दाल हमार गली कइसे ?
जदि हम ना रहब, त ई भोजपुरी चली कइसे ?

केहू अपना के भिखारी ठाकुर से बड़ जानता
त केहू अपना के महेंद्र मिसिर से बड़ मानता
इंहा भोजपुरी के कर्ता - धर्ता के लमहर लिस्ट बाटे
केहू बी ए एम ए त केहू भोजपुरी से मेडलिस्ट बाटे
ई मन के भरम  उनुका मन से निकली कइसे ?
जदि हम ना रहब, त ई भोजपुरी चली कइसे ?

केहु जियता इंहा भोजपुरी के गणित से
त केहु जियता भोजपुरी के राजनीत से
केहू भोजपुरी के जोखsता बटखरा आ तरजुई लेके
त केहू दिन भर इहे तुरपाई करता मेहीकी सुई लेके
ई महान लोग ना रहीहें  त कमी खली कइसे ?
जदि हम ना रहब, त ई भोजपुरी चली कइसे ?

- मिथिलेश मैकश
  छपरा

Tuesday, 2 October 2018

#जिउतिया

#जिउतिया
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माई छठ भुखेले
दशहरो भुखेले
जिउतियो भुखेले
सुको भुखेले
प्रदोष भुखेले.....
पता ना का का भुखेले
केकरा खाती भुखेले ?

माई आज ले 
अपना खाती ना भूखलस
कबो लईका खाती
कबो परिवार खाती
खाली दोसरा खाती

माई भुखेले, काहे कि
ओकर भुखले में प्रेम बा
भूखले में सुख बा, संसार बा
त्यागे में ओकर जिनिगी बा
दोसरे में ओकर आपन बा

आज जिउतिये ना
ओकर जिनगी ह आज
हर बेटा के दिन ह
ओकरा माई खाती
हर माई के दिन ह
ओकरा बेटा खाती

बनल रहस बेटा  आ  बनल रहस माई
दुनु हाथ जोड़ी के जिउतिया के बधाई

- मिथिलेश मैकश
  छपरा