Monday, 25 June 2018

हर बात जिंदगी की किताबों मे नही मिलती है फूलों मे ही नही ज़िंदगी काँटों मे भी खिलती है

हर बात जिंदगी की किताबों मे नही मिलती है
फूलों मे ही नही ज़िंदगी काँटों मे भी खिलती है

Friday, 15 June 2018

एगो नाया नोचर कनिया।

हम सोचिला हो
रोज सुतेलु, सुतला के बाद
आ उठ जालु, उठे से पहिले
कि लोग का कही ?
आ इहे 'का कही के चक्कर में'
तू बन जालु मेहरारु
जवन काल तक रहलु
एगो नाया नोचर कनिया।

हम सोचिला हो
कि कइसे पार लागेला ?
एक हाथ से आँचर
एक हाथ से रोटी
याद कइसे रहेला ?
तरकारी में डाले के बा निमक
एक गिलास चाउर में
दु गिलास पानी।
हम सोचिला हो
कि तू सोचेलु बहुते
कुछू  कहे से पहिले
पढ़ लेबिला तहार मन के भाव
ससुरार के काम धाम में
रह जाता तहार नईहर के बात।

हम सोचिला हो
हमार आठ घण्टा के ड्यूटी से
जादा बा तहार बिना घण्टा के ड्यूटी
मुंह चलावल से
भारी होला घर चलावल।
साँचो हमरा मोह लागेला
तुहूँ त एगो जीव हउ
आदमी हउ, कवनो मशीन ना !
हफ्ता के सातों दिन बा
बाकि तहार एतवार कहाँ बा ?

हम सोचिला हो
केतना मजबूत बारु लो करेज के
माने के पड़ी ताहरा लो के हिम्मत
गजब के बा माइंड सेटप
सह जालु लो हर कुछ बिना कहले
हम सोचिला हो
केतना तप त्याग बा तहरा लो में
धरती के उपमा हम का लिखीं  ?
बस एतने जान लs
मरद के बस के बात नइखे, मेहरारु बनल।

- मिथिलेश मैकश
  छपरा

Sunday, 10 June 2018

कैरियर.. एक ऐसी चीज

कैरियर.. एक ऐसी चीज जिसके पीछे लोग न जाने कितने कम्प्रोमाईज़ करने के लिए तैयार रहते है.. इस कैरियर के पीछे लोग अपने प्यार तक को त्याग देते है.. इस कैरियर के पीछे अपने यार दोस्त घर परिवार सब छोड़ कर लोग बाहर रहने के लिए मजबूर हो जाते है.. लोग कैरियर को लेके धमकियां भी देते रहते हैं। आज के दौर की सबसे बड़ी व्यथा है बेरोजगारी।

इस बेरोजगारी की कथा को हमारे मित्र मिथिलेश मैकश और Rana Pandey ने अपने खूबसूरत शब्दों से पिरोया है और ujjwal shrivastava की बेहतरीन प्रस्तुति के साथ आप लोगों की समीक्षा के लिए you tube के चैनल viral kalakaar पर उपलब्ध है। कृपया इस लिंक पर क्लिक करके इस वीडियो को देखें और मित्रों की इस प्रस्तुति को सराहें।
https://youtu.be/6rdbli-3w2Y

Must watch this video..
Written by rana pandey & mithilesh maiqash

Monday, 4 June 2018

शहर में अपना होता कौन है ?

शहर में अपना होता कौन है ?
-----------------------------------

शहर में कई अपने छूटे
शहर में कई सपने टूटे
फुर्सत किसको रोता कौन है ?
शहर में अपना होता कौन है ?

भागम- भाग शहर का हिस्सा
जलती आग शहर का किस्सा
जगती रात में सोता कौन है ?
शहर में अपना होता कौन है ?

इसी शहर ने छाँव को मारा
इसी शहर ने गाँव को मारा
है ये मैली दाग,धोता कौन है ?
शहर में अपना होता कौन है ?

- मिथिलेश मैकश
   छपरा