#दलित
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कबो लोक सभा ,कबो
बिधान सभा के गीत हई सन
अरे मत छुवs भाई
हमनी के दलित हई सन ।
चाहे कांग्रेस होखे चचा चाहे
भाजपाई के सुराज होखे
चाहे निपढ़ होखे चाहे,पढ़ल
लिखल कोई समाज होखे
भलही कागज पे ढ़ेर योजना
हमनी खाती ढ़ेर जोड़ल बा
बाकी तबो उल्टा सीधा काम
हमनीये खाती नु छोड़ल बा
राजद , सपा , बसपा
भाजपा के गणित हई सन
अरे मत छुवs भाई
हमनी के दलित हई सन ।
हमनी के जे छुअबs त
मरदिया तु छुआ जइबs
बासी दाल भात जइसन
तुरन्त नु अरुआ जइबs
अभियो त उहे हाल बा
जइसे पहिले रनी स
हर जगह 'दाना मांझी'
खाली हमनिये के बनी स ?
मीडिया, वोट, नेता के
खाली राजनीत हई सन
अरे मत छुवs भाई
हमनी के दलित हई सन ।
मजबूरी बा ,स्वाभिमान बा
बाकी कमजोर ना हई जा
मानs तानि की गरीब बानि
बाकी साहब चोर ना हई जा
पढ़ लिख के तुहु लोग
इहे काम करs तारs लो
काहे नइखs बोलत केहु
आरे चुप काहे बारs लो
रउवा लोगन मध मिठाई
त का हमनी के तित हई सन?
अरे मत छुवs भाई
हमनी के दलित हई सन ।
कपड़ा कोई धोये त ,धोबी ह?
चपल जूता सिये त ,चमार ह ?
दूध दही कोई बेचे त,अहीर ह?
सोना कोई जोखे त,सोनार ह ?
ई जात - पात बनाके साचो
इंसानियत के नाश भइल बा
अभियो लोग जब जात पूछे त
कईसे कही विकाश भईल बा?
नाही हार नाही जीत
एकलंगीये चित हई सन
अरे मत छुवs भाई
हमनी के दलित हई सन ।
जाती , धरम के नाम प त
रोटी खूब नु सेकात बाटे
भारत मे त सबसे बड़का
चीज जे बा , बस जात बाटे
इहंवा ढ़ेर बारे भगत लोग
कहला पर त खराब लागी
जियत बेरा भलही दूर रहs
मुअते,हमरे हाथे आग लागी
सबकेहु के दुश्मन हई जा
ना केहु के हीत हई सन
अरे मत छुवs भाई
हमनी के दलित हई सन ।
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