Monday, 2 January 2012

आओ कुछ ऐसा करे

आजकल BUSY दिखता हैं हर कोई यहाँ 
इंसान बदले है , या फिर बदला है जहां 
        मिट ना जाए कही ,अमन चैन का नाम ओ निशाँ 
        आओ कुछ ऐसा करे , आये सबके होठों पे मुस्कान 
लोग देखते है आज, औरो को अपनी नज़र से 
कभी तो देखा करो खुद को ,औरो की नज़र से 
.......खिलने की आस लिए बैठे है......
उनके दिलो में , ना जाने कितने अरमान 
आओ कुछ ऐसा करे , आये सबके होठों पे मुस्कान


ऐ रब कास ! बनाया होता ऐसा पैमाना 
पता चलता जिससे ,कितना नीच हो गया है ज़माना 
.......कम से कम खब तो जाती सबको.......
खो रहा है आज , इंसानियत अपनी पहचान
आओ कुछ ऐसा करे , आये सबके होठों पे मुस्कान


WHISKY ,ZIN , RUM पीने ,जाते कितने मधुशाला 
लाख टका यूं तन पे लुटाते ,नाचे जब मधुबाला 
......रोटी कपड़ा दवा बगैर .............
आज जा रही हैं न जाने कितनी जान 
आओ कुछ ऐसा करे , आये सबके होठों पे मुस्कान


एक कदम ही बढ़के जो हर कोई खुशियों के फूल लगाए 
वीराँ बन रही ये धरती जन्नत की चमन बन जाए 
..........सच बात  तो ये है ........
ऐसा कदम तो उठाते है लोग महान 
आओ कुछ ऐसा करे , आये सबके होठों पे मुस्कान


ऐ उपरवाले सुन ले ये मेरे दिल की वंदना 
हर इंसान मिलकर करता सुख दुःख का सामना 
........हर दिल के अन्दर ..........
बना रहे ये जज्बा ,मानव होने की शान 
आओ कुछ ऐसा करे , आये सबके होठों पे मुस्कान

हिंदी दिवस

दुनिया को दिखलाने के लिए
 या फिर रूठी हिंदी को मनाने के लिए  
      बड़ी धूम धाम से यह जताते है     
    माह सितम्बर में " हिंदी दिवस " मनाते है 
करते जा रहे है  , हम हिंदी का अपमान
 नशा बनके चढ़ते जा इंग्लिश का अभिमान
घुसते ही  दफ्तर में बोलते ," May I come in ,sir !"
  हिंदी के गगन में  उड़ते लगाकर इंग्लिश का पर     
  ---- ना जाने क्यों ?------
बाग़- ए - हिंदी में इंग्लिश का फूल लगाते है  
माह सितम्बर में " हिंदी दिवस " मनाते है   
कौन दे गया ये रोग इस वतन को

 बच्चो संग खुद सिखाते इंग्लिश बड़ी जतन से
 फ़ैल रहे है     कुकुरमुत्ते से शहरों और बाजारों मे
ये इंग्लिश स्कूल गावों और गलियारों    मे 
----- हम हिंदी दिवस मनाने वाले भी ---
--अपने बच्चो इंग्लिश स्कूल मे पढ़ाते है 
   माह सितम्बर में " हिंदी दिवस " मनाते है


                                                     By :मनोज - मैक़श