Friday, 1 February 2019

बूढ़ -पुरनिया के ना होखे से,घर दुआर उदास लागेला

बूढ़ -पुरनिया के ना होखे से,घर दुआर उदास लागेला
जदि माई -बाबु ना होखस त,ई संसार उदास लागेला
बिजली मोटर के जुग मे,पकवा ईनार उदास लागेला
देखऽ,परती रहे धरती त,दियर-बधार उदास लागेला

लइकन के खिलौना ना होखेसे,बाजार उदास लागेला
एकाध सार साली ना होखे त ,ससुरार उदास लागेला
काहे पिया के बाहर जाते,बसंत बेयार उदास लागेला
मरद ना होखस त ,मेहरारू के सिंगार उदास लागेला

बनावटी,देखावटी होखे त,दुरेसे प्यार उदास लागेला
जे मन ठीक ना होखे त,आइल बहार उदास लागेला
चानी प तेल छाप ल त,आदमी बेमार उदास लागेला
जे कमाये आला चल जाये,त परिवार उदास लागेला

गुंग नियन चुप रहला से त,सर संस्कार उदास लागेला
मुहं चोथा लेका क लऽ त,सोनो के हार उदास लागेला
बिना इंसानियत के चर्च मन्दिर, मजार उदास लागेला
बिना ठेठ भोजपुरिया के जिला जवार उदास लागेला

- मिथिलेश मैकश
  #छपरा

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